

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर महेंद्र भट्ट का लगातार दूसरी बार चुना जाना गया है। प्रदेश अध्यक्ष पद पर नामांकन की प्रक्रिया में केवल भट्ट का ही नामांकन हुआ था। राष्ट्रीय परिषद सदस्य के लिए पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह समेत आठ वरिष्ठ नेताओं का चुना गया है। आज मंगलवार को प्रांतीय परिषद की बैठक में केंद्रीय चुनाव अधिकारी हर्ष मल्होत्रा भट्ट के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के निर्वाचित होने का औपचारिक ऐलान किया। प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनके निर्विरोध निर्वाचन की मंगलवार को औपचारिक घोषणा की गयी। महेंद्र भट्ट उत्तराखंड भाजपा के पहले नेता बन गए हैं, जिन्हें लगातार दो कार्यकाल तक प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है। देहरादून में आयोजित भाजपा की प्रांतीय परिषद की बैठक में केंद्रीय चुनाव अधिकारी हर्ष मल्होत्र ने महेंद्र भट्ट के निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की। इससे पहले सोमवार को नामांकन प्रक्रिया के दौरान केवल महेंद्र भट्ट ने ही अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दािखल किया था, जिससे उनके दोबारा अध्यक्ष चुने जाने का रास्ता पहले ही साफ हो गया था। भाजपा संगठन में यह निर्णय ऐसे समय में आया है, जब पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रदेश में सांगठनिक मजबूती पर जोर दे रही है। महेंद्र भट्ट की सांगठनिक पकड़ और कार्यकर्ताओं से सीधे जुड़ाव को देखते हुए पार्टी ने दोबारा उन पर भरोसा जताया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महेंद्र भट्ट की पुनर्नियुक्ति के पीछे मुख्यमंत्री धामी का महत्वपूर्ण समर्थन रहा है, क्योंकि भट्ट को मुख्यमंत्री का करीबी और भरोसेमंद नेता माना जाता है। सूत्रें की मानें तो मुख्यमंत्री धामी ने ही महेंद्र भट्ट के नाम की सिफारिश केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रखी थी, जिसे सहर्ष स्वीकार कर लिया गया। बैठक में नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के नामों की भी घोषणा की गई। जिन प्रमुख नेताओं को राष्ट्रीय परिषद में स्थान मिला है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी और अजय टम्टा शामिल हैं। महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में भाजपा को आगामी निकाय, पंचायत और 2027 विधानसभा चुनावों के लिए संगठनात्मक स्तर पर और मजबूत करने की रणनीति बनाई जा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने संकेत दिया है कि प्रदेश स्तर पर अब संगठन व सरकार समन्वय के साथ आगे बढ़ेंगे, ताकि जनता के बीच पार्टी की छवि और जनाधार को और विस्तारित किया जा सके।
















































