नई दिल्ली: दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर से आज बेहद खौफनाक तस्वीरें सामने आई हैं। एक युवक का हाथ काटकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई फिर शव को बैरिकेड से लटका दिया गया। जिस युवक की हत्या हुई है उसका भी मौत से पहले का बयान सामने आया है। एक वीडियो में प्रदर्शनकारी ये कह रहे हैं कि युवक ने बेअदबी की इसलिए निहंग ने उसे काटकर लटका दिया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। बीजेपी ने कहा है कि ये हत्या तालिबानी तरीके से हुई है आंदोलन से जुड़े नेताओं ने भड़काऊ बयानबाजी की इसी की वजह से ये हत्या हुई है।
वहीं, अब सिंघु बॉर्डर पर मारे गए शख्स की पहचान हो गई है। पंजाब के तरनतारन के रहने वाले दलित युवक लखवीर सिंह का हाथ काटकर लटका दिया गया। 35 वर्षीय लखबीर सिंह को मारकर आंदोलनकारियों के मंच के पास बैरिकेड पर लटका दिया गया। मृतक की पत्नी उसके साथ नहीं रहती थी। वह अपनी तीन बेटियों के साथ अलग रहती थी। हालांकि मृतक को कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और ना ही किसी राजनीतिक पार्टी से उसका कोई संबंध था।
सोनीपत के DSP हसंराज ने बताया कि आज सुबह करीब 5 बजे के आसपास जानकारी मिली थी कि किसान आंदोलन के मंच के पास एक शख्स की हाथ पांव काटकर हत्या कर दी गई है। पुलिस के अनुसार मौके पर जब टीम पहुंची तो पाया कि हाथ-पैर दोनों कटे हुए थे। शरीर पर केवल अंडरवियर था और बैरिकेड पर उसका शव लटका हुआ था। वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की कोशिश की गई लेकिन कोई खुलासा नहीं हो पाया। पुलिस ने बताया कि मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
इस मामले पर भाजपा नेता अमित मालवीय का भी बयान आया है। उन्होंने कहा, इसके पीछे कौन लोग थे, क्या मंशा थी, यह जांच के बाद ही साफ होगा, लेकिन पिछले कुछ महीनों में किसानों के नाम पर चलाए जा रहे इस आंदोलन में अलग अलग तरह की ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, चाहे महिला के साथ बलात्कार का मामला हो, वैश्यावृति का मामला हो, मर्डर का मामला हो। इससे पहले दिल्ली में 26 जनवरी को जिस प्रकार से अराजकता फैलाई गई या फिर लखीमपुर में जिस तरह से मॉब लिंचिंग हुई, यह सारी घटनाएं इस आंदोलन के पीछे जो अराजक तत्व बैठे हैं वो इसको अंजाम दे रहे हैं।
भाजपा नेता ने कहा, हाल ही में राकेश टिकैत और उनके बगल में योगेंद्र यादव जो बैठे थे, उन्होंने कोई टिप्पणी और सफाई नहीं दी। उन्होंने लखीमपुर में हुई मॉब लिंचिंग को जायज ठहराया ऐसे में स्वाभाविक है कि इस प्रकार की घटनाएं होंगी। अगर इस प्रकार के बयान नहीं आते, इस प्रकार की अराजक बातें नहीं कही जाती तो शायद जो कुंडली में हुआ वो नहीं होता। आगे उन्होंने कहा, ”क्या जो लोग किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं वो खुद किसान हैं या नहीं। इस प्रकार के बयान जब आते हैं तो कहीं न कहीं इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने के लिए और बल मिलता है, इस तरह की घटनाएं पिछले कुछ महीनों में हुई हैं, कौन लोग हैं जो ये कर रहे हैं, कौन लोग हैं जो किसानों के नाम पर इस प्रकार की हिंसा कर रहे हैं।”
एक और बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा, इस घटना की हम निंदा करते हैं, गुरु साहब की अगर किसी ने बेअदबी की अगर किसी ने कोशिश की है तो उसकी जांच होनी चाहिए। उसके पीछे साजिश क्या है उसकी भी जांच होनी चाहिए। ये तालिबानी तरीके से जो हत्या की गई है उसकी भी हम निंदा करते हैं। किसने अधिकार दिया है इसका, ये जत्थेबंदियों का आंदोलन है। किसान इस तरह की बातें नहीं करता, जत्थेबंदियों को पुलिस प्रशासन का सहयोग करना चाहिए और इन घटनाओं को सामने लाना चाहिए।
वहीं, अब सिंघु बॉर्डर पर मारे गए शख्स की पहचान हो गई है। पंजाब के तरनतारन के रहने वाले दलित युवक लखवीर सिंह का हाथ काटकर लटका दिया गया। 35 वर्षीय लखबीर सिंह को मारकर आंदोलनकारियों के मंच के पास बैरिकेड पर लटका दिया गया। मृतक की पत्नी उसके साथ नहीं रहती थी। वह अपनी तीन बेटियों के साथ अलग रहती थी। हालांकि मृतक को कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और ना ही किसी राजनीतिक पार्टी से उसका कोई संबंध था।
सोनीपत के DSP हसंराज ने बताया कि आज सुबह करीब 5 बजे के आसपास जानकारी मिली थी कि किसान आंदोलन के मंच के पास एक शख्स की हाथ पांव काटकर हत्या कर दी गई है। पुलिस के अनुसार मौके पर जब टीम पहुंची तो पाया कि हाथ-पैर दोनों कटे हुए थे। शरीर पर केवल अंडरवियर था और बैरिकेड पर उसका शव लटका हुआ था। वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की कोशिश की गई लेकिन कोई खुलासा नहीं हो पाया। पुलिस ने बताया कि मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
इस मामले पर भाजपा नेता अमित मालवीय का भी बयान आया है। उन्होंने कहा, इसके पीछे कौन लोग थे, क्या मंशा थी, यह जांच के बाद ही साफ होगा, लेकिन पिछले कुछ महीनों में किसानों के नाम पर चलाए जा रहे इस आंदोलन में अलग अलग तरह की ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, चाहे महिला के साथ बलात्कार का मामला हो, वैश्यावृति का मामला हो, मर्डर का मामला हो। इससे पहले दिल्ली में 26 जनवरी को जिस प्रकार से अराजकता फैलाई गई या फिर लखीमपुर में जिस तरह से मॉब लिंचिंग हुई, यह सारी घटनाएं इस आंदोलन के पीछे जो अराजक तत्व बैठे हैं वो इसको अंजाम दे रहे हैं।
भाजपा नेता ने कहा, हाल ही में राकेश टिकैत और उनके बगल में योगेंद्र यादव जो बैठे थे, उन्होंने कोई टिप्पणी और सफाई नहीं दी। उन्होंने लखीमपुर में हुई मॉब लिंचिंग को जायज ठहराया ऐसे में स्वाभाविक है कि इस प्रकार की घटनाएं होंगी। अगर इस प्रकार के बयान नहीं आते, इस प्रकार की अराजक बातें नहीं कही जाती तो शायद जो कुंडली में हुआ वो नहीं होता। आगे उन्होंने कहा, ”क्या जो लोग किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं वो खुद किसान हैं या नहीं। इस प्रकार के बयान जब आते हैं तो कहीं न कहीं इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने के लिए और बल मिलता है, इस तरह की घटनाएं पिछले कुछ महीनों में हुई हैं, कौन लोग हैं जो ये कर रहे हैं, कौन लोग हैं जो किसानों के नाम पर इस प्रकार की हिंसा कर रहे हैं।”
एक और बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा, इस घटना की हम निंदा करते हैं, गुरु साहब की अगर किसी ने बेअदबी की अगर किसी ने कोशिश की है तो उसकी जांच होनी चाहिए। उसके पीछे साजिश क्या है उसकी भी जांच होनी चाहिए। ये तालिबानी तरीके से जो हत्या की गई है उसकी भी हम निंदा करते हैं। किसने अधिकार दिया है इसका, ये जत्थेबंदियों का आंदोलन है। किसान इस तरह की बातें नहीं करता, जत्थेबंदियों को पुलिस प्रशासन का सहयोग करना चाहिए और इन घटनाओं को सामने लाना चाहिए। ..
उधर किसान मोर्चा ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है हमने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए उन्होंने सरकार की साजिश करार दिया पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं पुलिस का कहना है दोषियों की पहचान हो गई है शीघ्र उनकी गिरफ्तारी हो जाएगी सभी आरोपी हमारे निशाने पर हैंl