हल्द्वानी नगर संवाददाता
संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ (उत्तराखंड) से जुड़े नर्सिंग कर्मियों के शिष्टमंडल ने आज मा. नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश से उनके हल्द्वानी स्थित आवास पर मुलाकात की और अपनी विभिन्न समस्याओं और मांगो से जुड़ा एक प्रार्थना पत्र मा. नेता प्रतिपक्ष जी को देकर उचित कार्यवाही संग न्याय की मांग की। उन्होंने बताया स्टाफ नर्स की लिखित परीक्षा होती है तो उनके कई साथी जो कि वर्तमान में कोरोना मरीजो की सेवा करते हुवे खुद कोरोना संक्रमण की जद में है, इस कारण के परीक्षा से वंचित हो जायेंगे और ऐसी विषम परिस्थितियों में परीक्षा का होना कोरोना विस्फोट का आमंत्रण देना होगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि अल्प वेतन में वे सभी कई वर्षों से दुर्गम अतिदुर्गम क्षेत्रो में निरंतर सेवाएं देते आ रहे है, विगत लगभग 400 दिनों से लगातार घर परिवार और बच्चो को खतरे में रख कोरोना ड्यूटी भी पूरी निष्ठा से कर रहे है और प्रधानमंत्री जी ने पूर्व में कहा था कि 100 दिन लगातार कोरोना ड्यूटी करने वालो को स्थायी नौकरी में वरीयता दी जाए। ऐसे में अगर लिखित परीक्षा होती है तो वे परीक्षा में अपना शतप्रतिशत नही दे पायेंगे और परीक्षा में डिप्लोमा वालो के साथ साथ डिग्रीधारकों को भी शामिल किया गया है जो उनके हितों के साथ कुठाराघात है और न्याय संगत नही है। इससे पूर्व कभी भी लिखित परीक्षा नही हुयी हमेशा वर्षवार और मेरिट के आधार पर चयन होता था।
उन्होंने मांग की कि लिखित परीक्षा को समाप्त कर पूर्व की भांति चयन प्रक्रिया अपनायी जाये। मा. नेता प्रतिपक्ष जी को उन्होंने बताया कि अगर उनके साथ अन्याय होगा तो वे सामूहिक इस्तीफा देने को बाध्य होंगे। जो वे बिल्कुल नही चाहते।
नेता प्रतिपक्ष ने उनकी समस्याओं को सुन तुरंत मा. मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव से फ़ोन पर वार्ता कर उक्त नर्सिंग कर्मियों की समस्याओं और मांगो से अवगत कराया और शीघ्र अति शीघ्र उचित समाधान की बात कही। मुख्यमंत्री महोदय द्वारा बताया गया कि इन सभी बिन्दुवों पर संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों से चर्चा के उपरांत उचित कार्यवाही की जायेगी तथा समस्याओं का समाधान किया जायेगा।
डॉ इंदिरा हृदयेश ने सभी नर्सिंग कर्मियों के द्वारा कोरोना महामारी के दौरान की जा रही जनसेवा के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और उन सब को हर संभव सहायता का भरोसा दिया।