हर इंसान की ख्वाहिश होती है कि वह कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अपना बंगला व फ्लैट बनाएं और पूरी जिंदगी इसी में लगा देता है आज करो ना महामारी ने इस कदर स्थिति खराब कर दी है कि लोग अपने ही शहर में बेड नहीं मिल रहा है और बेड के लिए हाहाकार मचा है सांस लेने के लिए ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है ऑक्सीजन के लिए मारो मार हो रही है कोरोना महामारी ने इंसान को कहां से कहां पहुंचा दिया परंतु दूसरी ओर कालाबाजारी और लूटने वालों की भी कोई कमी नहीं है इस दुख की घड़ी में भी इंसान को चाहे वह एंबुलेंस वाले हो या हॉस्पिटल वाले हो या अन्य लोग या कफन बेचने वाले सभी इंसान को दोनों हाथों से लूट रहे है मानवता नाम की कोई चीज नहीं रह गई है नाम की कोई चीज नहीं रह गई है इन काला बजाइयो को डर नहीं लगता की उन्हें भी एक दिन ऊपर जाना है