देहरादून। विशेष संवाददाता आज रोहित ने सचिवालय कूच कर खुली चेतावनी दे दी है कीदेवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं किया तो उसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाए। पूर्व में घोषित कार्यक्रम के मुताबिक आजसरकार की टालमटोल नीतियों से नाराज तीर्थ पुरोहितों ने आज सचिवालय कूच कर खुली चुनौती दी कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो उसे इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
इससे पूर्व आज चारों धामों के तीर्थ पुरोहित गांधी पार्क में जमा हुए। जहां से उन्होंने सचिवालय कूच किया। बड़ी संख्या में सचिवालय की ओर जाते इन तीर्थ पुरोहितों को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया। आगे बढ़ने की जिद पर अड़े इन तीर्थ पुरोहितों की पुलिस के साथ भी तीखी नोकझोंक हुई। धक्का—मुक्की में कई लोगों के कपड़े भी फट गए। पुलिस द्वारा रोके जाने पर तीर्थ पुरोहित सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि वह साल भर से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार लगातार टालमटोल की राजनीति कर रही है। उनका कहना है कि हमारी एक लाइन की मांग है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करें और पुरानी व्यवस्था को बहाल करें। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि उन्हें अब धामी सरकार और उनके द्वारा बनाई गई हाई पावर कमेटी पर कोई भरोसा नहीं है उन्होंने कहा कि इस हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी भी सरकार के आदमी हैं।
इस अवसर पर सचिवालय पहुंचे गंगोत्री धाम रावल ने कहा कि धर्म के कामकाज में सरकार क्या किसी के द्वारा भी अगर छेड़छाड़ की जाती है तो हम इस तरह से अधर्म का विरोध करते हैं उनसे जब यह पूछा गया कि जब हाई पावर कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और मुख्यमंत्री दो दिन में इसके अध्ययन की बात कह रहे हैं तो क्या तीर्थ पुरोहितों को कुछ दिन इंतजार नहीं करना चाहिए था? रावल ने कहा कि हम दो साल से इंतजार कर रहे थे लेकिन सरकार अभी भी अहंकार में है हम खुद सरकार के पास आए हैं सरकार ने हमारे पास आने की जरूरत नहीं समझी। उन्होंने कहा कि सत्ता कभी धर्म से बड़ी नहीं हो सकती। अभी समय है कि सरकार धर्म की शरण में आए मां गंगा उन्हें उनकी गलती के लिए माफ कर देगी। इधर दूसरी और सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली का दौरा करने जा रहे हैं पर इस संदर्भ में आलाकमान से बातचीत करेंगे उन्होंने आश्वासन दिया है कि इदरीश का समाधान निकल जाएगा।