हल्द्वानी विशेष संवाददातादीपावली पर पटाखे सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी हल्द्वानी सहित पूरे कुमाऊं में करोड़ों रुपए के पटाखे फूंक फूंक दिए कहीं भी अपील का कोई असर नहीं हुआ आश्चर्यचकित यह थी मानवता को भी तर तर लोगों ने कर दिया थी जिसके घरों में विगत दिनों मौत हुई थी सन्नाटा था परंतु पड़ोसियों ने इसकी परवाह नाकरते हुए जमके पटाखे फोड़े
दीपावली के मौके पर राजधानी दून के अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, काशीपुर व रुद्रपुर जैसे शहरों में हुई आतिशबाजी के चलते इन शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी दून में दीपावली के दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 348 तक पहुंच चुका है।
वहीं धर्मनगरी हरिद्वार में हुई आतिशबाजी से एक्यूआई 321 दर्ज किया गया जबकि एक दिन पूर्व यह 209 दर्ज किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक दीपावली के दिन शाम को ऋषिकेश में एक्यूआई 257 पर पहुँच गया जो एक दिन पूर्व 136 दर्ज किया गया था। जहां तक काशीपुर का सवाल है तो काशीपुर में एक्यूआई 267 दर्ज किया गया जो एक दिन पहले 128 दर्ज किया गया था। जबकि हल्द्वानी में एक्यूआई 251 और रुद्रपुर में 263 दर्ज किया गया।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि राजधानी दून में दो जगहों घंटाघर व नेहरू कालोनी में लगाए गए माॅनीटरिंग स्टेशन से एक्यूआई की निगरानी की गई। दीपावली के दिन घंटाघर में जहां एक्यूआई 348 दर्ज किया गया, वही नेहरू कालोनी में अधिकतम एक्यूआई 327 दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पूर्व यानी बृहस्पतिवार को एक्यूूआई नेहरू कालोनी में 154 व घंटाघर में 214 दर्ज किया गया था।
दूसरी ओर आतिशबाजी के चलते बदहाल हो चुके प्रदूषण का असर मौसम के बदले मिजाज पर भी दिखाई दे रहा है। आलम यह रहा है कि राजधानी व आसपास के इलाकोें में आसमान में दिन भर धुएं का गुबार छाया रहा।
शहरियों ने दिन भर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके प्रदूषण के बीच दिन गुजारा। दूसरी ओर दूसरी ओर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि निजी कंपनी के विशेषज्ञों द्वारा वायु प्रदूषण की निगरानी 11 नवंबर तक लगातार की जाएगी। जहां तक दीपावली पर आतिशबाजी के चलते प्रदूषण स्तर में हुई बढ़ोत्तरी में कमी का सवाल है तो स्थितियों को सामान्य होने में अभी थोड़ा समय लगेगा। ऐसे में प्रदूषण को लेकर थोड़ी एहतियात बरतनी होगी।
देहरादून (नेहरू कालोनी ) 154 327
ऋषिकेश 136 257
काशीपुर 128 267
हल्द्वानी 130 251
रुद्रपुर 127 263
हरिद्वार 209 321
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों द्वारा एयर क्वालिटी इंडेक्स की चार श्रेणियों में निगरानी की जाती है। शून्य से लेकर 50 तक की एयर क्वालिटी इंडेक्स को सेहत के लिए ठीक माना जाता है। वहीं 51 से लेकर 100 तक एयर क्वालिटी इंडेक्स को संतोषजनक, 101 से लेकर 200 तक को माडरेट व 200 से लेकर 300 को खराब श्रेणी, 301 से लेकर 400 तक को बहुत खराब और 401 से ऊपर के एयर इंडेक्स होने होने पर प्रदूषण के लिहाज से सबसे खतरनाक माना जाता है। गौरतलब बात यह थी अभी हाल में आई आपदा तथा अन्य कई कारणों सेसे कई यों के घरों के चिराग बुझ गए थे परंतु कुछ पड़ोसियों ने मानवता को तार-तार करते हुए जमकर आतिशबाजी की यह दुखदाई बात है लोगों का कहना है कि धीरे-धीरे लोगों में मान्यता खत्म होती जा रही है। यह अत्यंत चिंताजनक बात है।