रविवार का पंचांग

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आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक 13 जून 2021
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)
शक संवत – 1943
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म
मास – ज्येष्ठ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – तृतीया रात्रि 09:40 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र – पुनर्वसु रात्रि 07:00 तक तत्पश्चात पुष्य
योग – वृद्धि सुबह 09:31 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहुकाल – शाम 05:41 से शाम 07:21 तक
सूर्योदय – 05:57
सूर्यास्त – 19:19
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – रम्भा तृतीया, रविपुष्पामृत योग (रात्रि 07:01 से 14 जून सूर्योदय तक)
💥 विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞

🌷 पुष्य नक्षत्र योग 🌷
13 जून 2021 रविवार को रात्रि 07:01 से 14 जून सूर्योदय तक रविपुष्यमृत योग है ।
🙏🏻 १०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –
ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |…… ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |
🙏🏻 – Shri Sureshanandji Kharghar -Navi Mumbai 7th Apr’13
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞

🌷 रविपुष्यामृत योग 🌷
🙏🏻 ‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |
🙏🏻 इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)
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