




टनकपुर: इस वर्ष दशहरा महोत्सव धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। नव युवक रामलीला कमेटी के तत्वावधान में दस दिवसीय महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसका समापन विजयादशमी पर रावण दहन और भव्य आतिशबाजी के साथ हुआ।
रावण दहन और आतिशबाजी ने मोहा मन
समापन दिवस पर रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के विशाल पुतलों का दहन किया गया। जैसे ही भगवान श्रीराम का बाण रावण पर चला, पूरा आकाश रंग-बिरंगी आतिशबाजी से जगमगा उठा। बच्चों ने झूलों का आनंद लिया, तो बड़ों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और लोकगीतों का रसपान किया।
रामलीला मंचन बना आकर्षण
दस दिनों तक चले मंचन में कलाकारों ने भगवान श्रीराम की लीलाओं का जीवंत चित्रण किया। दर्शक हर रोज़ धार्मिक आस्था और संस्कृति से जुड़ते रहे।
सामाजिक और सांस्कृतिक संगम
यह महोत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि समाज के हर वर्ग को जोड़ने वाला उत्सव बना।
श्रीमद्भागवत कथा ने श्रद्धालुओं को भक्ति में डुबोया।
मैराथन दौड़ ने युवाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया।
निःशुल्क चिकित्सा शिविर में सैकड़ों लोगों ने लाभ लिया।
उत्तराखंड डांस कॉम्पटीशन में स्थानीय कलाकारों ने अपनी लोक संस्कृति की अद्भुत झलक पेश की।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का संदेश
एसडीएम ने कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है। भगवान श्रीराम के आदर्श हमें जीवन में सत्य और सद्भाव का संदेश देते हैं।
कमेटी का आभार
कमेटी अध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने आयोजन को सफल बनाने में सहयोग देने वाले सभी पदाधिकारियों और नगरवासियों का धन्यवाद किया। संरक्षक ओंकार सिंह, संस्थापक विशाल अग्रवाल, बोर्ड अध्यक्ष गौरव गुप्ता और पूरी टीम की भूमिका सराहनीय रही।
अंतिम दिन का विशेष आयोजन
शुक्रवार को लकी ड्रॉ और पुरस्कार वितरण समारोह होगा, जिसमें विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही सांस्कृतिक संध्या का आयोजन इस महोत्सव को अविस्मरणीय बना देगा।
टनकपुर का यह दशहरा महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक धरोहर और जनकल्याण की अनूठी मिसाल बन गया|

































































