बिग ब्रेकिंग चमोली :हिमस्खलन के बाद 32 मजदूरों को सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया, 25 मजदूरों का अभी कुछ पता नहीं चल?. मुख्यमंत्री धामी ने मोर्चा संभाला ! Ashok Gulati editor in chief

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मुख्यमंत्री देर रात फिर पहुंचे आपदा कंट्रोल रूम,

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात दोबारा आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर हालात का जायजा लिया, लगातार रेस्क्यू कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों के साथ नियमित स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं,मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, सभी एजेंसियां युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा”..

हेलीपैड को भी सक्रिय किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और गोपेश्वर जिला अस्पताल को भी तैयार रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से ली पूरी जानकारी

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी श्री संदीप तिवारी से घटना की विस्तृत जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम से 6 किमी आगे हुआ, जहां सीमा सड़क संगठन के अंतर्गत बर्फ हटाने वाले मजदूर मौजूद थे। तुरंत आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुट गईं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि शेष लोगों को बचाने का अभियान जारी है।

मुख्यमंत्री देर रात फिर पहुंचे आपदा कंट्रोल रूम

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रात 8 बजे दोबारा आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वे लगातार रेस्क्यू कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों के साथ नियमित स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सभी एजेंसियां युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम से कम रखे जाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने वर्तमान में प्रदेश मे हो रही भारी वर्षा एवं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रहे हिमपात के दृष्टिगत भी निरन्तर सभी जिलाधिकारियों से समन्वय बनाए रखे जाने के भी निर्देश दिए ताकि किसी भी आपदा की स्थिति का त्वरित ढ़ंग से सामना किया जा सके। किसी भी आपदा के   दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम से कम रखे जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए हैं। गौरतलब है किउत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच शुक्रवार को भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ है। इस दौरान वहां निर्माण कार्य में लगे 57 मजदूर बर्फ में दब गए। शाम पांच बजे तक 32 मजदूरों को सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया, जबकि 25 मजदूरों का अभी कुछ पता नहीं चल सका है। देर शाम तक इनकी तलाश की गई, लेकिन इसके बाद तेज बर्फबारी और क्षेत्र में आठ फीट तक बर्फ जमी होने से रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा। मौसम साफ होने पर शनिवार सुबह फिर रेस्क्यू अभियान शुरू किया जाएगा। बचाए गए 32 मजदूरों में से तीन घायल हो गए हैं।क्षेत्र में लगातार भारी बर्फबारी होने के कारण सेना के जवानों को रेस्क्यू करने में दिक्कतें आ रही हैं। ज्योतिर्मठ से गढ़वाल स्काउट, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं। वहीं बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ से आगे करीब एक फीट बर्फ होने से वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है, जिससे रेस्क्यू टीमें पैदल ही घटनास्थल के लिए जा रही हैं।बर्फ के कारण घटनास्थल पर पहुंचने में आ रहीं दिक्कतें
चमोली के पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने बताया कि शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे हिमस्खलन हुआ, जबकि पुलिस को सवा ग्यारह बजे माणा में हिमस्खलन की सूचना प्राप्त हुई। इसके बाद पुलिस टीम को मौके के लिए रवाना किया गया। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बदरीनाथ का पुलिस थाना भी हनुमान चट्टी (बदरीनाथ से 10 किमी पहले) शिफ्ट कर दिया जाता है। लामबगड़ से माणा गांव तक बदरीनाथ हाईवे पर करीब एक फीट बर्फ जमी है, जिसके चलते टीमों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं।

भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोका : डीएम
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि भारी बर्फबारी के कारण आईटीबीपी ने रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल रोक दिया है। आईटीबीपी के जवान माणा गांव में वापस अपने कैंप में लौट गए हैं। जिस स्थान पर हिमस्खलन हुआ है वहां करीब आठ फीट तक बर्फ जम गई है। मौसम सामान्य होने पर फिर से रेस्क्यू चलाया जाएगा।

हाईवे बर्फ से ढका, रेस्क्यू टीमें पैदल रवाना
चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि बदरीनाथ हाईवे पर जमी बर्फ को हटाने के लिए बीआरओ की जेसीबी लगाई है। क्षेत्र में लगातार बर्फबारी होने और कोहरा लगने से रेस्क्यू कार्य बाधित हो रहा है। बदरीनाथ हाईवे से पैदल ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आपदा और पुलिस की टीमें माणा गांव के लिए रवाना हो गई हैं।आपदा प्रबन्धन विभाग ने जारी किया हेल्पलाइन नम्बर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा प्रबन्धन विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की मदद के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया है। यदि कोई इस घटना से सम्बन्धित किसी प्रकार की कोई जानकारी प्राप्त करना चाहता हो तो इन नम्बरों पर सम्पर्क कर सकता है। निम्न हेल्पलाइन नम्बर यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से संचालित किए जा रहे हैं।

मोबाइल नम्बर-8218867005, 9058441404
दूरभाष नम्बर-0135-2664315
टोल फ्री नम्बर-1070।

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