रुद्रपुर: नगर निगम में मेयर पद पर खड़े इंटरार्क कम्पनी के बर्खास्त मजदूर साथी अजय कुमार के समर्थन में उतरने लगीं हैं सिडकुल पंतनगर की यूनियनें और सामाजिक संगठन!

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✊ ✔️इंटरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर ने चुनाव प्रचार की तैयारी हेतु की आज गेट मीटिंग किया पूर्ण समर्थन का एलान

रुद्रपुर : मजदूर प्रत्याशी अजय कुमार द्वारा मेयर पद पर दाखिल नामांकन पत्र को आज प्रशासन द्वारा स्वीकृति दे दी है। ध्यान रहे कि अजय कुमार जी की प्रस्तावक डॉल्फिन मजदूर संगठन की अध्यक्ष सुनीता बनी हैं। जो कि सिडकुल के मजदूरों की वर्गीय एकता को प्रदर्शित करती है। अजय कुमार को वर्ष 2018 में चले आंदोलन के बाद इंटरार्क कम्पनी मालिक द्वारा लिखित समझौते का उल्लंघन करके उनके 32 अन्य साथियों के साथ ही नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। इसी तरह से वर्ष 2022 में लम्बे आंदोलन के बाद जिला स्तरीय कमेटी की मध्यस्थता में हुए लिखित समझौते का उल्लंघन करके कम्पनी मालिक ने 27 मजदूरों को बर्खास्त कर दिया था। किन्तु जिला प्रशासन और उत्तराखंड में भाजपा आरएसएस की डबल इंजन की सरकार ने इंटरार्क कम्पनी के समक्ष निर्लज्ज होकर आत्मसमर्पण कर दिया। समझौते को लागू कराने के स्थान पर पीड़ित मजदूरों पर ही अनगिनत फर्जी मुकदमे दर्ज करने और मजदूर नेताओं को ही जेल भेजा गया।
👉इसी तरह से वर्तमान समय में भाजपा के मेयर पद के दावेदार व भाजपा प्रदेश मंत्री द्वारा 37 दिनों से अनशन पर बैठी डॉल्फिन कंपनी की पिंकी गंगवार सहित चार महिलाओं को सभी मजदूरों की कार्य बहाली का वचन देकर उनका 26 नवंबर को अनशन तुड़वाया था। जिससे वो साफ साफ मुकर गए हैं।स्थानीय भाजपा विधायक द्वारा भी 23 नवंबर को डॉल्फिन मजदूरों के पंडाल में मिडिया के सामने जय श्रीराम और खुद के जयकारा लगवाते हुए वचन दिया था की उसी दिन शाम को ADM नजूल व प्रशासन उनका समझौते करा देंगे।इसके बाद ADM ने उस दिन मजदूर प्रतिनिधियों से कहा था कि वो अगले दिन 24 नवंबर को दोपहर 12 बजे वार्ता बुलाकर समझौता करा देंगे।उनका भी अगला दिन अभी तक नहीं आया है। इसके बाद भाजपा मेयर प्रत्याशी विकास शर्मा द्वारा खुद को महिलाओं का भाई घोषित करके वचन देकर 27 नवंबर को महिलाओं का अनशन तुड़वाया था। किन्तु महिलाओं का अनशन टूटते ही उपरोक्त सभी लोग छल कपट की नीति व साजिश के तहत बेशर्मी से अपने वचनों से मुकर गए। इसी तरह से सिडकुल पंतनगर की अनगिनत कम्पनियों में भी कम्पनी मालिकों ने लिखित समझौतों का उल्लंघन करके सैकड़ों हजारों मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया। किन्तु हर मामले में जिला प्रशासन, पुलिस, श्रम विभाग और भाजपा सरकार कम्पनी मालिकों की कठपुतली बनकर पीड़ित मजदूरों की ही आवाज़ को दबाते रहे हैं। छल कपट की नीति के तहत कम्पनी मालिकों के सामने निर्लज्ज समर्पण करते रहे हैं। कहने को हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। किन्तु ब्यवहार में यहाँ कम्पनी मालिकों की ही सुनी जाती है, उनके इशारे पर ही ब्यवस्था चलती है। भाजपा आरएसएस के राज में कंपनी मालिकों को श्रम कानूनों, भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को रोंदने की खुली छूट है। कानून का डंडा सिर्फ मजदूरों को दबाने, आंदोलन को कुचलने को ही चलता है। भाजपा आरएसएस के राज में मजदूरों को लोकतंत्र का यह पाठ ढंग से समझ में आने लगा है।इसीलिए मजदूर अब किसी पार्टी या नेता की ऒर देखने के स्थान पर खुद की वर्गीय एकता पर भरोसा कर रहे हैं। और इसी कड़ी में सिडकुल के मजदूरों द्वारा अजय कुमार को मेयर पद पर खड़ा किया है। और लुटेरे पूँजीपतियों, कपटी नेताओं और इनकी राजनैतिक पार्टियों के समक्ष मजदूर वर्ग की ऒर से चुनौती प्रस्तुत की है। एलान किया है कि चुनावों के जरिये मजदूरों की समस्या हल नहीं होगी। बल्कि संघर्ष के मैदान में उतरकर, अपने क्रांतिकारी आंदोलन के बल पर ही मजदूरों को मुक्ति मिलेगी।सिडकुल का मजदूर निकाय चुनाव के दौरान इन्हें ढंग से सबक सिखाएगा। और जोरदार प्रचार अभियान चलाकर हर घर, हर गली और हर मुहल्ले तक जायेगा। व्यापक स्तर पर पम्फलेट आदि वितरित करके इनके काले कारनामों और वादा खिलाफ़ी को उजागर किया जायेगा।
👉इसी क्रम में आज इंटरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर द्वारा गेट मीटिंग करके प्रचार अभियान को धारदार बनाने हेतु चर्चा की। और प्रचार की रणनीति बनाई।
👉इस दौरान मेयर प्रत्याशी अजय कुमार, महामंत्री सौरभ कुमार,सहित बड़ी संख्या में मजदूर साथी उपस्थित थे

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