”लोकगायिका शारदा सिन्हा का 72 साल की आयु में निधन हो गया, लंबे समय से बीमार चल रहीं शारदा सिन्हा ने मंगलवार रात करीब 9.20 बजे अंतिम सांस ली। लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान शारदा सिन्हा के निधन से उनके प्रशंसकों के बीच शोक की लहर दौड़ गई…
उल्लेखनीय है कि लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 साल की आयु में निधन हो गया। शारदा सिन्हा ने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद बेटे अंशुमान सिन्हा ने कहा, ‘आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है । मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।’
शारदा सिन्हा का नाम बिहार की संस्कृति और आकर्षण से जुड़ा लोकप्रिय लोक और शास्त्रीय गायिका शारदा सिन्हा का नाम बिहार की संस्कृति और आकर्षण से बहुत जुड़ा हुआ है। अचानक तबीयत बिगड़ जाने पर उन्हें दिल्ली एम्स में लाइफ सपोर्ट के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया था।शारदा सिन्हा को कला जगत में अभूतपूर्व योगदान के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से नवाजा गया था। पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात कर मां की तबीयत के बारे में जानकारी ली।
दशकों लंबे संगीत करियर में अभूतपूर्व योगदान शारदा सिन्हा को मैथिली और भोजपुरी संगीत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें लोक गायिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए एक सांस्कृतिक राजदूत के रूप में जाना जाता है। गायिकी के अलावा शारदा सिन्हा विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों में भी सक्रिय रहीं। लगभग पांच दशक लंबे संगीत करियर में अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले। बिहार सरकार ने भी इन्हें सम्मानित किया