रानीखेत विशेष संवाददाता पूरे कुमाऊं में जल स्थान कर्मचारियों द्वारा शुरू की गई हड़ताल से पानी का संकट अब दिनोंदिन गहराता जा रहा हैसंस्थान संविदा कर्मी 5 सूत्री मांगों को लेकर लामबंद हो गए हैं। गुरुवार से पूरे कुमाऊं में जारी आंदोलन के तहत हड़ताली कर्मचारी ने पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। जिसके चलते प्रशासन भी सकते में आ गया है। जल आपूर्ति बंद के आह्वान के बाद हालात पर काबू पाने के लिए आंदोलनकारियों की धरपकड़ के साथ वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के लिए जल महकमा सजग हो गया है।
गौरतलब है कि जल संस्थान संविदा कर्मी समान वेतन के बदले समान वेतन, उपनल या विभागीय संविदा से जोड़े जाने तथा ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने की मांग को लेकर गुरुवार से हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे शुक्रवार से आम उपभोक्ताओं को जलापूर्ति बाधित होने की आहट से प्रशासन सकते में आ गया है।
यहां जल संस्थान चिड़ियानौला कार्यालय में धरने पर बैठे कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन व विरोध दर्ज किया। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता ठाकुर सिंह ने बताया कि हड़ताल के चलते 217 कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि ताडीखेत, द्वाराहाट, चौखुटिया, भिकियासेन, स्याल्दे ब्लॉकों में कुल 249 योजनाओं से 9349 उपभोक्ताओं को पेयजल उपलब्ध किया जा रहा है। 6000 हर घर जल हर घर नल योजना से कनेक्शन है। कर्मियों के हड़ताल पर जाने से पेयजल आपूर्ति भंग होगी। कहां की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत व्यवस्था सुचारु करने का प्रयास किया जाएगा। यदि शीघ्र हड़ताल खत्म नहीं हुई तो उत्तराखंड में पानी का हाहाकार मचना तय है ।