हल्द्वानी के रोडवेज बस अड्डे परिसर में लंबे समय से चल रही दुकानों को आज अवैध कब्जा बताते हुए रोडवेज प्रशासन ने सभी दुकानों को ध्वस्त कर दिया है। इससे पूर्व काफी संख्या में तहसीलदार के नेतृत्व में पुलिस बल मौके पर बुलवाया गया था। जिसके बाद डिमोलेशन की कार्रवाई चली गौरतलब है कि है कि यहां रोडवेज बस अड्डे परिसर में लंबे समय से फड़—खोखे नुमा दुकानें चल रही थीं। जिनमें से कुछ ने पक्के निर्माण भी कर लिये थे। रोडवेज प्रशासन का आरोप है कि इन सभी लोगों ने रोडवेज की भूमि में अवैध कब्जा किया हुआ था और अपनी मनमर्जी से दुकानें खोले हुए थे। जिनमें कई चाय—आदि के खोके, रेडियो—टीवी मरम्मत व अन्य दुकानों का संचालन किया जा रहा था। इनके द्वारा रोडवेज को लंबे समय से किराया भी नही दिया गया था।
इधर रोडवेज के महाप्रबंधक यशपाल सिंह ने बताया कि कुद छह दुकानों को ध्वस्त किया गया है। यह कार्रवाई सुबह 10.30 बजे से शुरू की गई। जिसमें सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर तहसीलदार के नेतृत्व में पुलिस टीम पहुंची थी। उन्होंने बताया कि सभी कब्जेदारों को पूर्व में इस विषय का नोटिस भी जारी किया गया था। आरएम ने साफ किया कि अवैध कब्जा केवल अवैध ही कहलाया जायेगा अएतव इसे हटाने का रोडवेज प्रशासन को पूर्ण कानूनी हक है। उधर दूसरी और आप नेता संतोष कावड़ वाल मैं जमानत लेने से मना कर दिया उनका कहना था कि कोरोना का और काल में दुकानदारों को 1 सप्ताह का समय देना चाहिए था यह उनके साथ अन्याय हुआ है दूसरी ओर आप पार्टी के के नेता सुमित टिकू ने कहा है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन था रोडवेज के अधिकारियों ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए गरीबों के साथ अन्याय किया हुआ उधर समाजसेवी वीरेंद्र bisht का कहना था कि जब न्यायालय में मामला विचाराधीन हैं तब दुकानों को तोड़ना अनुचित था लॉकडाउन में दुकानदारों की वैसे ही कमर टूट गई है ऊपर से अधिकारियों ने इस तरह तानाशाही का रवैया अपनाकर जनरल डायर की की तरह कार्रवाई की हैl