दिल्ली “नकारा सिस्टम” ने एक उत्तराखंड संपादक की मां 80 वर्ष वृद्धा की तड़प तड़प कर जान ली; रिपोर्ट नेगेटिव के पश्चात भी डॉक्टर ने नहीं देखा; आखिर हॉस्पिटल की चौखट पर है दम तोड़ दिया

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3 दशक से अधिक पत्रकारिता कर रहा मैंने कल्पना भी नहीं की थी जिस मां ने मुझे जन्म दिया वह हॉस्पिटल के चौखट पर तड़प तड़प कर दम तोड़ देगी वह केवल नकारा सिस्टम ने झकझोर कर रख दिया है ऐसे ही कितने बेगुनाह इंसान इस सिस्टम के आगे लाचार होकर दम तोड़ रहे हैं गुरुवार को अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी परिवार के लोग हॉस्पिटल की ओर लेकर दर-दर ठोकरें खाते रहे जबकि 4 दिन पहले ही रिपोर्ट नेगेटिव आई थी रिपोर्ट हाथ में लेकर सरकारी हॉस्पिटल से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल तक चक्कर काटते रहे डॉक्टर यह कहकर देखने से इंकार कर रहे थे कि यहां ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है आखिर हताश होकर नैनीताल सांसद अजय भट्ट जी से संपर्क किया भट्ट जी ने बरकत प्रयास किया यहां तक की बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी जी से भी संपर्क किया गया उन्होंने जब तक प्रयास शुरू कर दे तब तक माताजी ने प्राइवेट हॉस्पिटल की चौखट पर ही दम तोड़ दिया सांसद अजय भट्ट डॉक्टरों से कहा कि मेरी माता जी हैं इनकी रिपोर्ट नेगेटिव है हम अभी ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रबंध कर देंगे फिलहाल इनको आईसीयू में भर्ती करें परंतु उनकी भी एक नहीं चलती जब तक बलूनी जी ने प्रयास शुरू किया तब तक उनकी सांसे रुक चुकी थी गौरतलब है कि हमारे पिताजी आर्मी में सैनिक रहे हैं स्वर्गीय पूर्व सैनिक की पत्नी है उसके बावजूद भी उनको कहीं पर इलाज नहीं मिला यह सिस्टम का पूरी तरह से फिलर है दिल्ली सरकार इस नकारा सिस्टम में ना जाने कितने बेगुनाह रोज मर रहे हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अपनी झूठी वाईफाई के लिए बयान दे रहे हैं कि दिल्ली सरकार में किसी भी चीज की कमी नहीं है

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