तथाकथित “काली” कार ज्योलीकोट पटोल पंप पर रुकी थी; गाजियाबाद के एक ठेकेदार की थी कार ;” देवभूमि माया” ने उस कार मालिक का आखिर कर दिया “पर्दाफाश”! पुलिस चौकी की ‘नाक” के नीचे लगे हुए थे कैमरे परंतु पुलिस ने अनदेखा की थी?

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नैनीताल विशेष संवाददाता कुछ माह पूर्व उत्तरांचल देवभूमि माया

के संपादक अशोक गुलाटी नैनीताल से हल्द्वानी समय 8:00 बजे के लगभग आ रहे थे जैसे ही जूली कोर्ट के नीचे आम पड़ाव से कुछ ही दूरी पर पहुंचे थे भट्ट भुट्टा के मोड़ पर तेज गति से आ रही काली कार ने टक्कर मारने का प्रयास किया जिससे संपादक बाल-बाल बच गए कार क्षतिग्रस्त हो गई जिसकी सूचना उन्होंने तत्काल ज्योलीकोट पुलिस चौकी को दी प्रभारी ने फोन नहीं उठाया उसके बाद कंट्रोल रूम को फोन किया गया उसके बाद पुलिस हरकत में आई और काली का नैनीताल की तरफ तीव्र गति से चली गई जिसकी सूचना लिखित में जूली कोर्ट पुलिस चौकी में दी गई पत्रकार संगठनों ने कई बार पुलिस से संपर्क कर उस काली कार का पता लगाने का आग्रह किया परंतु पुलिस कुंभकरण नींद सोती रही जूली कोर्ट पुलिस ने स्वीकार किया एक काली कार गई थी परंतु उसका नंबर नजर नहीं आ रहा है आश्चर्य की बात यह है कि जिस जगह पुलिस के कैमरे लगे हुए हैं उससे मात्र कुछ कदम दूरी पर से ही वाहन गुजरते हैं पुलिस ने इस मामले को जांच की बजाय ठंडे बस्ते में डाल दिया उत्तरांचल देव भूमि माया की टीम ने नैनीताल भवाली मार्ग पर जितने भी सीसी कैमरे लगे थे सब की छानबीन शुरू की छानबीन करते हुए जब हम जूली कोर्ट पुलिस चौकी के निकट पेट्रोल पंप पर पहुंचे वहां कैमरे पर नजर गई तो हमने वहां छानबीन की गई तो वहां बताया गया काली कार उस रोज रात को आई थी वह गाजियाबाद के प्रशांत भाटी की थी और वह ठेकेदारी करता था हल्द्वानी जाते समय उसके दोस्त ने पेट्रोल पंप पर कार खड़ी करके हल्द्वानी गए थे लौटते समय उसी घटना की रात को वहां पहुंचे थे और दूसरी कार उसका साथी ले गए थे ले कर्मचारी ने स्वीकार किया कि वह नशे में धुत थे कार में ठेकेदार के अलावा उसका दोस्त बैठा हुआ था दोनों नशे में धुत थे अंधाधुन चला रहे थे लग रहा था कि आज कोई बड़ी घटना जय? कर्मचारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया कि वह ठेकेदार पर्वती क्षेत्र में ठेकेदारी करता था और यहां अक्सर पेट्रोल यहां से भरवा ता था

मैंने डर के इसलिए नहीं बता पाया एक तरफ पत्रकार साहब का मामला है है दूसरी तरफ ठेकेदार ?अब यहां से गाजियाबाद जा चुका है गौर करने की बात यह है कि जूली कोर्ट पुलिस चौकी पेट्रोल पंप से बिल्कुल सटी हुई है और क्ई यहां पर हाइटेक पावर फुल कैमरे पेट्रोल पंप में लगे हुए थे अगर पुलिस चाहती तो

इस मामले का पर्दाफाश हो सकता था परंतु पुलिस की लापरवाही का ही नतीजा है कई महीनों तक मात्र पुलिस आश्वासन देती रही आखिर हमारी टीम ने उस काली कार के मालिक का पर्दाफाश कर ही दिया यदि हम पुलिस के भरोसे रहते तो काली कार का रहस्य हमेशा के लिए रहस्य बना जाता परंतु

हमने इस मामले का पर्दाफाश करने की ठान ली थी हमारा इस मामले को गंभीरता से लेने का मकसद यह था आखिर कार चालक नशे में गाड़ी चला रहे थे या कोई एक साजिश थी? इसका पर्दाफाश आज हमने कर दिया है आप सभी सम्मानित मेरे भाई पत्रकारों शुभचिंतकों का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने इस मामले में जोर-शोर से उठाने में सहयोग किया था

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