हल्द्वानी : रेलवे पटरी पर अग्निकांड आधा दर्जन गरीबों का आशियाना सहित कई मवेशी अग्निकुंड में समाए; गरीबों की मेहनत की कमाई भस्म हुई दहेज का सामान भी अग्निकुंड की भेंट चढ़ गया

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हल्द्वानी रेलवे पटरी बाजार में आज आग लग गई जिससे 7 गरीबों का आशियाना सहित पालतू मवेशी जलकर खत्म हो गए वहीं गरीबों की जीवन भर की कमाई अग्निकुंड में समा गई यहां आज आवला चौकी गेट के निकट रेलवे पटरी के पास झोपड़ियों में लगी भीषण आग लगने से लाखों का नुकसान हो गया। जब तक अग्निशमन दल पहुंचता तब तक गरीबों के अधिकांश आश्यिाने व कई पालतू मवेशी आग की भेंट चढ़ गये।

विवरण के मुताबिक अनुसार आवला चैकी गेट के समीप रेलवे पटरी के पास गौला नदी में काम करने वाले मजदूरों के झोपड़पट्टी नुमा आवास हैं। आज मंगलवार की दोपहर अचानक हुए अग्निकांड में मजदूरों की सात झोपड़ी आग की भेंट चढ़ गई। पहले पहल लोगों ने बाल्टियों से पानी डालकर स्वयं आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन जब इससे कुछ न हुआ तो फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। मौके पर बनभूलपुरा थानाध्यक्ष मो. यूनुस भी पहुंचे। इधर आग की सूचना पर अग्निशमन की दो गाड़िया भी पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक आग से सात झोपड़िया जलकर स्वाह हो गई थी। उसमें रखा आनाज बिस्तर, कपड़े, सिलाई मशीन, फ्रिज, अलमारी, बच्चों की कापी किताब सहित लाखों की नगदी भी जलकर स्वाह हो गई। इतना ही नहीं आग से कई मवेशी भी झुलस गए। इस आग की चपेट में सोहनलाल, व उसके पुत्र दिनेश जाटव, राजकिशोर, संदीप के साथ ही क्षेत्रपाल, संगीता, चंद्रा की झोपड़िया भी जलकर राख हो गई। अपने आशिायाने को अपने सामने जलता देखकर मजदूरों के आंखों से आंसू रूक नहीं रहे थे। हर कोई आग पर काबू पाने व सामान बचाने के लिए कोशिश कर रहे थे, लेकिन जब तक आग ने पूरी तरह से सात झोपड़ियां व उनमे रखा सामान जलाकर खाक नहीं किया तब तक आग की लपटें कम नहीं हुई। अब पीड़ित परिवार के आगे रोजी-रोटी व सिर छुपाने का संकट मडराने लगा है। इधर आग्निकांड पीड़ित दिनेश जाटव ने बताया कि झोपड़ी में डेढ़ लाख रुपया उसने बड़ी मेहनत से अपनी बेटी की शादी के लिए जमा किए हुए थे और महेनत कर बेटी के दहेज का समान भी जोड़ रखा रखा था। क्योंकि कुछ दिनों बाद उसकी पुत्री की शादी होनी थी, लेकिन आग चंद मिनटों में ही सब जलकर स्वाह हो गया। कुछ इसी किस्म की पीड़ा हर गरीब की है, जिसका सब कुछ इस अग्निकांड में स्वाह हो चुका है। अना झोपड़ी पीड़ितों ने शासन से मुआवजा की मांग की है

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