हरिद्वार धर्म नगरी में महाकुंभ में हो रहे कुंभ में पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित मिले हैं। कुंभ ड्यूटी में तैनात 33 पुलिसकर्मियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। चिंता की बात है कि कुछ पुलिस कर्मियों ने तो कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की दो डोज भी लगवाई थी। हालांकि, पुलिस कर्मियों की हालत सामान्य बनी हुई है। हरिद्वार कुंभ से लौटे डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि प्रमुख स्नानों के बाद पुलिस कर्मियों की जरूरत के अनुसार कोरोना जांच की गई। इस दौरान दस हजार से अधिक पुलिस कर्मियों की जांच हुई। जिसमें 33 में संक्रमण की पुष्टि हुई है। डीजीपी ने बताया कि बैशाखी स्नान के बाद बाहर से आई आधी फोर्स वापस लौटा दी गई है। साथ ही राज्य पुलिस को भी कुंभ ड्यूटी से धीरे-धीरे वापस बुलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुंभ के दौरान ड्यूटी देने वाले सभी पुलिसकर्मियों को आईसोलेशन में रखने की जरूरत नहीं है। जिनमें कोरोना के लक्षण नजर आएंगे उन्हें ही आईसोलेशन में रखा जाएगा।एक लाख से अधिक के चालानडीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन न करने पर पुलिस लगातार सख्ती बरत रही है। 25 अप्रैल के बाद से एक लाख से अधिक लोगों के चालान मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंस का पालन न करने पर किया गया। इन दिनों रोजाना आठ हजार लोगों के चालान किए जा रहे हैं। जबकि बीते साल 24 मार्च 2020 से इस साल 24 मार्च तक प्रदेशभर में पुलिस ने 10.19 लाख चालान किए, जिसमें से 1.80 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि 11 मार्च के पहले शाही स्नान के बाद से पुलिस कर्मियों के लिए कोविड जांच की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान 33 पुलिसकर्मियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, जो संक्रमण की सामान्य दर से बहुत कम है। पुलिसकर्मियों का कोविड टीकाकरण संक्रमण रोकथाम में काफी हद तक प्रभावी साबित हुआ है। बताया कि केंद्र से आई फोर्स वापस लौटा दी गई है जबकि, राज्य पुलिस को भी कुंभ ड्यूटी से धीरे-धीरे वापस बुलाया जा रहा है मैं दूसरी ओर यदि 17 तारीख को कुंभ मेले की समापन की घोषणा संत महात्मा लोग करते हैं बड़ी राहत की बात यह होगी क्यों करो ना लगातार हो रहा है इसमें कई साधु संत भी करो ना की चपेट में आ चुके हैं इसीलिए गंभीरता से विचार कर रहेे हैं 17 अप्रैल को महाकुंभ की समाप्ति की घोषणा कर दें