तराई में किसानों का जत्था गाजीपुर बॉर्डर रवाना; दर्जनों मातृशक्ति भी शामिल

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, उधम सिंह नगर ब्यूरो स्थानीय मुख्यालय रुद्रपुर। चार माह से भी अधिक समय से केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को तराई क्षेत्र के किसानों का समर्थन लगातार जारी है। तराई सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के आंदोलन स्थल दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का जाना बदस्तूर जारी है आज। मंगलवार को तराई किसान सभा के बैनर तले साठ किसानों का जत्था गाजीपुर के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे में महिलाएं भी शामिल रही।

सभा के अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क ने संवाददाताओं को बताया कि यह जत्था गाजीपुर में एक सप्ताह रहेगा। इसके बाद अगले सप्ताह नया जत्था जायेगा और यह लोग वापस आ जायेंगे। विर्क के अनुसार नयी रणनीति के तहत प्रत्येक गाँव से हर सप्ताह पांच लोगों का बस सेवा से गाजीपुर बॉर्डर पर जाना तय किया गया है। हर जत्था एक सप्ताह तक बॉर्डर पर ही रहेगा फिर घर लौटेगा जिसके पश्चात दूसरा जत्था धरने में शामिल होने पहुंचेगा। विर्क ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने यह निर्णय लिया है। इसके बाद न तो गाजीपुर बॉर्डर पर संख्या बल में कमी होगी और न ही कोई व्यक्ति बहुत लम्बे समय तक अपने घर से दूर रहेगा। आज रवाना होने वाले किसानों में प्रमुख रूप से संतोख सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह चीमा, राजेंद्र सिंह खैरा, गुरमुख सिंह, नरेंद्र जीत सिंह, विक्रमजीत सिंह, जसबीर सिंह आदि शामिल थे। किसान जत्था सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे और किसान एकता जिंदाबाद से गूंज रहा था किसान नेताओं का कहना था जब तक किसी काला कानून वापस नहीं होगा तब तक वह बॉर्डर पर बैठे रहेंगे चाहे इसके लिए कितनी भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े

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