किसी ने सही कहा था गुरु गुरु होता है चेला चेला होता है गुरु अपने पास एक दाव अपने पास जरूर रख लेता है यह सच्ची कहावत पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने साल्ट उपचुनाव में उनके चेले रहे रणजीत सिंह रावत के पुत्र को टिकट कटवा ही दिया जबकि प्रदेश प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष सभी आला नेता रणजीत सिंह के पुत्र को टिकट देने के लिए अड़े हुए थे परंतु हरीश रावत के एक तुरुप इक्के ने सब को धराशाई कर दिया और श्रीमती पंचोली को सल्ट उपचुनाव से चुनाव में प्रत्याशी घोषित करा ही दिया गौरतलब है कि किसी जमाने में हरीश रावत के दांत के कटी रोटी कहे जाने वाले रंजीत रावत की रावत सरकार के समय में तूती बोलती थी सरकार हटने के बाद दोनों में अनबन हो गई थी रंजीत रावत दूसरे खेमे में चले गए थे रंजीत रावत ने पूरी ताकत झोंक दी थी अपने पुत्र के टिकट के लिए यही कारण था कि हाई कमांड को प्रत्याशी घोषित करने में विलंब हो रहा था आज अंतिम दिन नामांकन का था इससे कुछ घंटे पहले सोमवार को देर साए प्रत्याशी घोषित किया गया बरहाल उपचुनाव में बीजेपी से कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है अब देखना यह होगा जनता किसके सिर पर सेहरा बांध की है जिस पार्टी की जीत होगी वे 2022 विधानसभा चुनाव के लिए संजीवनी होगी