देहरादून। विशेष संवाददाता उत्तराखंड के लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद निधि खर्च करने में इतनी कंजूसी क्यों कर रहे हैं विकास का की बड़ी-बड़ी घोषणाएं योजनाओं की करते हैं परंतु आज भी 32 करोड रुपए से अधिक निधि मै शेष बची है आखिर क्यों जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं उत्तराखंड के सांसदों की 32.20 करोड़ की सांसद निधि खर्च होना शेष है। इसमें 17.68 करोड़ लोकसभा और 14.52 करोड़ की सांसद निधि राज्य सभा सांसदों की शामिल है। ये हालत उस वक्त है जबकि केंद्र सरकार से वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 की सांसद निधि किसी सांसद को मिली ही नहीं है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने सांसद निधि खर्च के बारे में सूचना मांगी थी। इसक जवाब में उक्त जानकारी दी गई। नदीम को दी गई जानकारी के अनुसार वर्तमान लोकसभा सांसदों को 2019-20 की ही सांसद निधि मिली है। अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा को ब्याज सहित 250.23 लाख मिले। इसमें से उन्होंने दिसबंर 2020 तक 89 प्रतिशत यानि 223.75 लाख खर्च किए। हरिद्वार सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल को 2019-20 में 250 लाख मिले। इसमें से उन्होंने एक पैसा भी खर्च नहीं किया है। इनकी सांसद निधि में पहले मिली राशि के 71.25 लाख खर्च होने को शेष है।
पौड़ी सांसद और वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को 2019-20 की 250 लाख की सांसद निधि मिली है। इसमें से उन्होंने महज आठ फीसदी यानि 20.25 लाख की राशि ही दिसंबर 2020 तक खर्च हो सकी है। टिहरी सांसद श्रीमति राजलक्ष्मी शाह ने 250 लाख में से 77 फीसदी यानि 192.46 लाख खर्च हुए। नैनीताल सांसद अजय भट्ट को ब्याज सहित 251.21 लाख मिले। इसमें से 61 फीसदी यानि 152.61 लाख दिसबंर 2020 तक खर्च हुए।
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा को 2016-17 से 2019-20 तक ब्याज सहित 1513.11 लाख की निधि मिली। इसमें से उन्होंने 86 फीसदी यानि 1302.30 लाख विकास कार्य़ों पर खर्च किए। पूर्व सांसद राजबब्बर ने 2015-16 से 2019-20 तक कुल 2286.61 लाख की सांसद निधि से 91 फीसदी यानि 2084.52 लाख खर्च किए। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को 2018-19 की ब्याज सहित कुल 504.22 लाख की सांसद निधि मिली। इसमें से उन्होंने दिसंबर-20 तक 20 फीसदी यानि 102.22 लाख ही खर्च किए। बरहाल जनता भी असर चकित है कि आखिर माननीय सांसद जी क्यों नहीं विकास कार्यों में खर्च कर रहे हैं आखिर क्या कारण है