कोरोना मरीज अस्पताल में छुट्टी के बाद भी स्वस्थ नहीं; एक अध्ययन से हुआ खुलासा

खबर शेयर करें -

नई दिल्ली विशेष संवाददाता कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती हुए ज्यादातर मरीज डिस्चार्ज होने के पांच महीने बाद भी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाए हैं. ये खुलासा ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में हुआ है. शोधकर्ताओं ने पाया कि संक्रमण से उबर चुके लोगों में वायरस का नकारात्मक प्रभाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर लगातार बना हुआ है. इसका असर संक्रमित लोगों के कार्य करने की क्षमता पर भी पड़ा है. नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च (NIHR) के नेतृत्व में पूरे ब्रिटेन में हुए इस अध्ययन में कोरोना वायरस के 1,077 रोगियों का विश्लेषण किया गया, जिन्हें मार्च और नवंबर 2020 के बीच अस्पतालों से छुट्टी दी गई थी.

अध्ययन में शामिल लोगों में 69 फीसद श्वेत थे, जिनमें 36 फीसदी महिलाएं थीं. इन लोगों की औसत आयु 58 वर्ष थी और कम से कम 50 प्रतिशत उम्मीदवार कम से कम दो गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे. अध्ययन के अनुसार, पांच महीने बाद फॉलो-अप में केवल 29 फीसद लोगों ने महसूस किया कि वे पूरी तरह ठीक हो चुके हैं, जबकि 20 फीसद लोगों ने नई परेशानियों की शिकायत की. जिन लोगों ने संक्रमण के बाद सबसे ज्यादा गंभीर शिकायतें कीं, उनमें मध्यम आयु की श्वेत महिलाएं थीं, जो अस्थमा और शुगर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थीं.

अध्ययन के मुताबिक 25 फीसदी से ज्यादा लोगों में तनाव और अवसाद के महत्वपूर्ण लक्षण देखने को मिले. वहीं 12 फीसदी लोगों में PTSD (Post Traumatic Stress disorder) के लक्षण देखने को मिले. ब्रिटेन के लीसेस्टर में एक अस्पताल के श्वास विभाग में सलाहकार डॉ. रशेल इवांस ने एक बयान में कहा, “कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के पांच महीने बाद हमारे अध्ययन में मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य और मानव अंगों पर वायरस के गंभीर परिणामों के बड़े साक्ष्य मिले हैं.” उन्होंने कहा कि अध्ययन में स्पष्ट हो गया है कि जिन लोगों को इलाज में वेटिंलेटर की आवश्यकता पड़ी थी और जिन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था, उन्हें ठीक होने में काफी समय लगेगा.

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad