गुजरात में हुए निकाय चुनाव में आप पार्टी ने
27 सीटों में जोरदार धमाके से शुरुआत की है उत्तराखंड में खतरे की घंटी बजना शुरू हो गई है आज तक उत्तराखंड में नेता लोग आप पार्टी को हल्के में ले रहे थे गुजरात में जहां प्रधानमंत्री का गढ़ माना जाता है वहां पार्टी का 27 सीटें लाना राजनीतिक पंडित के सभी आंकड़े फेल हो गए हैं राजनीतिक पंडित भी आश्चर्यचकित हैं तीसरा विकल्प की तरफ लोग देख रहे हैं यह आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए निसंदेह खतरे की घंटी उत्पन्न होगी इसी तरह हल्के में दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टी ने ली थी जिसका नतीजा क्या हुआ लगातार दो बार विधानसभा में आप पार्टी सत्ता संभाल रही है दिल्लीवासी आप पार्टी की कार्यशैली से खुश है बिजली पानी फ्री शिक्षा में भी अच्छे संकेत मिल रहे हैं हॉस्पिटलों में सुधार हो रहा है यदि यही तर्ज पर आगामी विधानसभा चुनाव में आप पार्टी लड़ती है दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के लिए निसंदेह खतरे की घंटी है आज आम व्यक्ति तीसरे विकल्प की तलाश में है पंतु विकल्प ना होने के कारण तीसरा विकल्प नजर नहीं आ रहा था जिस तरह से आप पार्टी उत्तराखंड में लगातार सेंध लगा रही है चौंकाने वाले नतीजे आ सकते हैं ऐसा ना हो दो पहलवानों की कुश्ती में तीसरा हाथ न मार जाए