


चंपावत :जै चम निर्मांशी देवता के दरबार मैं आज से भव्य कलश यात्रा के साथ राम कथा का शुभारंभ हो गया है देव भूमि उत्तराखंड मैं चार धाम यात्रा के साथ आदि कैलाश एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा भी इन दिनों जोरों मैं है ग्राम कूंण मैं घने बांज बुरांश के जंगल मैं स्थित जै चम निर्मांशी का जिक्र मानस खंड के स्कंद पुराण में पाया जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवपुत्र भगवान कार्तिकेय ने तारका सुर बंध के समय इस जै चम नामक स्थान पर …
अपनी सुना सहित विश्राम किया था। जै चम निर्मांशी मंदिर मैं कथा वाचक व्यास प्रकाश चन्द्र शास्त्री जी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र जी के जीवन की विभिन्न कथाओं का बखान कर आम मानस एवं प्राणी मात्र को सनातन धर्म का महत्व बता रहे हैं कूंण भुभ्वाडी बिखरा कोट सहित 5 गांवों के लोग जै चम निर्मांशी धाम मैं तन मन धन से सेवा अर्पित कर रहे हैंl
























































