निकाय चुनाव में भाजपा को अप्रत्याशित जीत तो नहीं मिली, लेकिन कुमाऊं के बागेश्वर से लेकर हल्द्वानी तक पालिकाध्यक्ष और मेयर तक के चुनाव में भाजपा की जीत के लिए कई फैक्टरों ने बखूबी काम किया है। इसमें कुछ ऐसे फैक्टर भी रहे जिसने मतदाताओं के चुनावी मूड को बदलने का काम किया है।निकाय चुनाव में भाजपा को अप्रत्याशित जीत तो नहीं मिली, लेकिन कुमाऊं के बागेश्वर से लेकर हल्द्वानी तक पालिकाध्यक्ष और मेयर तक के चुनाव में भाजपा की जीत के लिए कई फैक्टरों ने बखूबी काम किया है। इसमें कुछ ऐसे फैक्टर भी रहे जिसने मतदाताओं के चुनावी मूड को बदलने का काम किया है।पांच साल में हुए विकास कार्य के अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी का हर जिले का किसी न किसी बहाने लगातार दौरा करना भी जनता को विश्वास दिलाने में सफल साबित रहा। कुमाऊं के छह जिलों बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, रुद्रपुर के अलावा कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में नगर निगम के चुनाव में भाजपा की जीत के कारण रहे इन फैक्टरों की अनदेखी नहीं की जा सकती है
थूक कांड
बागेश्वर में उत्तरायणी मेले के दौरान रोटी पर थूक लगाकर खिलाने का मामला सभी शहरों में खूब वायरल हुआ था और भाजपा से लेकर कांग्रेस तक ने इस पर घोर आपत्ति जताई थी। इसके बाद मतदाताओं के मन में भी सवाल उठे,हल्द्वानी हिंसा पड़ी भारी
पिछले साल फरवरी में हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई हिंसा ने लोगों को झकझोर दिया था। पूरे कुमाऊं में लोगों में में आक्रोश दिखाई दिया था। इसका असर इस चुनाव में भी पड़ा और लोगों ने अपना मन बदला।
राजनीतिक बयान दे गया विपक्ष को चोट
निकाय चुनाव के दौरान भाजपा के मेयर प्रत्याशी गजराज का बयान काफी चर्चा में रहा। उन्होंने कहा था कि मुझे अराजक तत्वों का वोट नहीं चाहिए। वहीं साफ सुथरी छवि के बावजूद ऐसे मामलों में स्टैंड न लेना कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी ललित जोशी को भारी पड़ा।
‘बंटोगे तो कटोगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे खूब चले
निकाय चुनाव में ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और ‘कटोगे तो बंटोगे’ का नारा भी खूब चला। शहर में कई जगह होर्डिंग्स में भी यह नारा लोगों की जुबान पर रहा।…
सोशल इंजीनियरिंग का भी रहा हाथ
सोशल मीडिया में भाजपा का दबदबा काफी काम कर गया। भाजपा का आईटी सेल निकाय चुनाव में भी काफी सक्रिय रहा। मतदाताओं तक विपक्ष की गलतियां पहुंचाना और पार्टी तथा सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाने का काम भी सोशल मीडिया में खूब चला।
चौथे राउंड के बाद हो गया था जीत का अहसास
हल्द्वानी में मेयर चुनाव में चौथे राउंड के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को गजराज की जीत का अहसास हो गया था। चौथा चरण का रिजल्ट आने के बाद ही भाजपा कार्यकर्ता एमबी इंटर कॉलेज में भाजपाई रैली निकालने लगे। इसके बाद बाहर निकलकर जमकर देर रात तक रैली निकालते रहे। वहीं, देर रात 11 बजे मेयर पद का रिजल्ट घोषित हुआ। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने विशाल जुलूस निकाला।…
नैनीताल जिले के तीन निकायों में कांग्रेस ने फहराया परचम, सात में से दो पर बीजेपी को मिली जीत,भाजपा को नैनीताल जिले के सात में से छह निकायों में करारी हार का सामना करना पड़ा। हल्द्वानी मेयर सीट पर जीत ने ही लाज बचाई। तीन नगर पालिकाओं में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।इस चुनाव में भाजपा को नैनीताल जिले के सात में से छह निकायों में करारी हार का सामना करना पड़ा। हल्द्वानी मेयर सीट पर जीत ने ही लाज बचाई। तीन नगर पालिकाओं में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की, जबकि दो नगर पालिकाओं और एक नगर पंचायत में निर्दलीय प्रत्याशियों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को पटखनी दी। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार भाजपा को जिले में तीन सीटें गंवानी पड़ी हैं। जबकि कांग्रेस न केवल दो सीटें बचाए रखने में सफल हुई, बल्कि एक सीट और बढ़ा ली।हल्द्वानी में कांग्रेस का सपना चकनाचूर
हल्द्वानी नगर निगम में मेयर के चुनाव को भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही प्रतिष्ठा का सवाल बनाया था। भाजपा ने यहां हैट्रिक लगाकर कांग्रेस के निगम में पहुंचने के सपने को चकनाचूर कर दिया। इससे पहले लगातार दो बार भाजपा के डॉ. जोगेंद्र सिंह रौतेला मेयर रहे।नैनीताल में खेवनहार बनीं खेतवाल
नैनीताल में पिछले बार कांग्रेस के सचिन नेगी जीते थे। इस बार भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी सरस्वती खेतवाल पार्टी की खेवनहार बनीं और भाजपा की जीवंती भट्ट को हार का सामना करना पड़ा।
रामनगर में अकरम से पार नहीं पा पाई भाजपा
रामनगर में इस बार कांग्रेस ने किसी को प्रत्याशी घोषित नहीं किया। पिछली बार यहां कांग्रेस के मोहम्मद अकरम चुनाव जीते थे। इस बार भी इस सीट पर मोहम्मद अकरम ने निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा के मदन जोशी को हरा दिया। अकरम की लगातार यह चौथी जीत है। तीसरे स्थान पर निर्दलीय भुवन पांडे रहे।
भीमताल में फिर भी जीती कांग्रेस ही
भीमताल पालिका में कांग्रेस को लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का मौका मिला है। इससे पहले यह नगर पंचायत थी और तब कांग्रेस के टिकट पर देवेंद्र चनौतिया चुनाव जीते थे। इस बार सीमा टम्टा ने भाजपा की कमला आर्या को पटखनी दी।
भवाली में दिलचस्प मुकाबले में जीती कांग्रेस
नगर पालिका भवाली में भाजपा अपनी सीट नहीं बचा सकी। यहां हुए दिलचस्प मुकाबले में कांग्रेस के पंकज आर्या ने भाजपा के प्रकाश आर्या को मात्र चार वोट से हराया। पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए संजय वर्मा ने कांग्रेस के पुष्पेश पांडे को हराया था।
कांग्रेस ने लालकुआं में सीट खोई
लालकुआं में कांग्रेस अपनी सीट बचाने में सफल नहीं हुई। लालकुआं नगर पंचायत में इस बार भाजपा के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह लोटनी ने कांग्रेस की अस्मिता मिश्रा को हराया। भाजपा यहां तीसरे स्थान पर रही। पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस प्रत्याशी लाल चंद्र ने भाजपा प्रत्याशी अरुण प्रकाश वाल्मीकि को हराया था।
कालाढूंगी में भाजपा पर भारी पड़ी बगावत
नगर पालिका कालाढूंगी में भाजपा की बागी और निर्दलीय प्रत्याशी रेखा कत्यूरा ने चुनाव जीता। रेखा ने यहां कांग्रेस की भावना सती को हराया। पिछले चुनाव में यहां भाजपा को जीत मिली थी लेकिन इस बार बगावत के चक्कर में भाजपा तीसरे स्थान पर सरक गई। नगर निगमों में भाजपा के 10 मेयर, एक निर्दलीय
अल्मोड़ा में भाजपा के अजय वर्मा
हल्द्वानी से भाजपा के गजराज बिष्ट
पिथौरागढ़ में भाजपा की कल्पना देवलाल
देहरादून में भाजपा के सौरव थपलियाल
कोटद्वार में भाजपा के शैलेंद्र सिंह रावत
रुद्रपुर से भाजपा का विकास शर्मा
ऋषिकेश से भाजपा के शंभू पासवान
काशीपुर से भाजपा के दीपक बाली
रुड़की से भाजपा की अनिता देवी अग्रवाल
हरिद्वार से भाजपा की किरण जैसल
श्रीनगर में निर्दलीय आरती भंडारी|