breaking Ramnagar: [सावधान] 😯 बताशे मैं ‘खड़िया’ मिलाया जा रहा है, बड़ी कार्रवाई; पांच कारखानों पर ठोका जुर्माना, हड़कंप मचा! ✍️ Ashok Gulati editor in chief

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Ramnagar:😯 बताशे मैं ‘खड़िया’ मिलाया जा रहा है, बड़ी कार्रवाई; पांच कारखानों पर ठोका जुर्माना, हड़कंप मचा! ✍️ Ashok Gulati editor in chief/विवरण के मुताबिक जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल के निर्देश पर मिठाई की गुणवत्ता और मिलावट की जांच के लिए गठित समिति ने विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से मिठाई का निर्माण कर रहे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान जांच टीम उसे समय हैरान रह गई जब बतासे खगड़िया क इस्तेमाल होते देखा ,रामनगर जिला मजिस्ट्रेट के निर्देश पर मिठाई की गुणवत्ता और मिलावट की जांच के लिए गठित समिति ने मंगलवार को विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से मिठाई का निर्माण कर रहे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया। टीम को छापे के दौरान बताशों को सफेद करने के लिए खड़िया और मिल्क केक बनाने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल होता मिला। टीम ने जांच के बाद पांच कारखानों पर जुर्माना लगाने के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक और खाद्य सामग्री जब्त की। इसके अलावा मिठाई बनाने का लाइसेंस नहीं होने पर तीन जगहों को सील भी किया गया।

एसडीएम राहुल शाह के नेतृत्व में गूलरघट्टी, नई बस्ती और खताड़ी के क्षेत्रों में पांच कारखानों का निरीक्षण किया गया, जिनमें अवैध रूप से मिठाई का निर्माण हो रहा था। पांचों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। मिठाई और निर्माण में इस्तेमाल सामग्री के नमूने प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं। टीम में सीओ बीएस भंडारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी असलम खान, तहसीलदार कुलदीप पांडेय, ईओ आलोक उनियाल, पूर्ति निरीक्षक कमल तिवारी आदि शामिल रहे। एसडीएम के मुताबिक प्रतिबंधित रसायनों से बनाई जा रही थी मिठाई
कि जांच में पाया गया कि कई निर्माण इकाइयां मिठाइयां बनाने में प्रतिबंधित रसायनों जैसे फिटकरी और टाल्क पाउडर का उपयोग कर रही थीं। यह खाद्य सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है। मिठाई निर्माण स्थलों पर सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। जांच के दौरान नगर पालिका रामनगर ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर भी जुर्माना लगाया और चार किलो प्लास्टिक जब्त किया। तीन निर्माण स्थलों को सील कर दिया गया, क्योंकि उनके पास मिठाई निर्माण के लिए कोई लाइसेंस नहीं था। इसके अलावा मिठाई निर्माण में शामिल श्रमिकों का सत्यापन नहीं होने के कारण पुलिस ने उनका चालान भी किया।

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