”’कुमायूं कमिश्नर दीपक रावत गंभीरता से समस्या को सुनते हुए”…
धारचूला: [पिथौरागढ़]: ‘इतिहास’ में पहली बार ‘कुमायूं कमिश्नर’ के ‘दर्शन’ किए ग्रामीण ने, जगह-जगह अभूतपूर्व स्वागत किया गया आयुक्त दीपक रावत ✍️ Ashok Gulati editor in chief/जानकारी के मुताबिक चार दिवसीय कुमायूं कमिश्नर का दौरा ऐतिहासिक रहा, दूर दराज के ग्रामीणों ने स्वागत आयुक्त दीपक रावत का किया वह एक इतिहास रच गया, गांव वालों के मुताबिक पहली बार कोई अफसर कई किलोमीटर पैदल चलकर उनके गांव मैं समस्या जानने के लिए आया है, पहली बार दूर दराज के गांव वासिया ने कमिश्नर साहब के दर्शन किए हैं, कमिश्नर दीपक रावत से मिलकर ग्रामीण गदगद थे, उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था इतना बड़ा अधिकारी उनके गांव में आएगा,
तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त शकुंतला दताल ने कुमाऊं आयुक्त को क्षेत्र की विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ऐतिहासिक जौलजीबी मेला स्थल तक मार्ग निर्माण और सौंदर्यीकरण की मांग प्रमुखता से आयुक्त के सामने रखी। पिछले दिनों दारमा घाटी भ्रमण पर आए कुमाऊं आयुक्त से मुलाकात के दौरान उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री घोषणा के तहत जौलजीबी गोरी पुल से लेकर मेला स्थल तक छोटे वाहनों के लिए मार्ग निर्माण किया जाना है। अभी तक न तो मार्ग बना है और नहीं घाट निर्माण और साैंदर्यीकरण का कार्य शुरू हुआ है। उन्होंने जौलजीबी में एक बारात घर का निर्माण करने और पांगला में स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि पांगला में चार हजार की आबादी निवास करती है। अस्पताल नहीं होने से धारचूला आना पड़ता है। यदि वहां पर अस्पताल खुलता है तो नेपाल के लोगों को भी चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने माइग्रेशन वाले गांव दांतू में मुख्य सड़क से गबला मंदिर तक मोटर मार्ग निर्माण करने का अनुरोध भी किया। शकुंतला दताल ने बताया कि इन मांगों के संबंध में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत की ओर से आश्वासन दिया गया है। इस अवसर पर जानकी बर्फाल, भावना मेहरा, कलावती देवी, हंसा देवी, राजू दताल, भूपेंद्र सिंह उपस्थित रहे|बरहाल ग्रामीणों में कुमाऊं आयुक्त का दौरा उम्मीदों का दौरा ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हुआ है।