ज्योलीकोट: (नैनीताल)दूरस्थ दुर्गम जंगलों के बीच स्थित पौराणिक मान्यताओं,आस्था का केंद्र श्री मार्कण्डेय आश्रम मंदिर,मोरा, दोगड़ा में श्री मार्कण्डेय पुराण के दस दिवसीय आयोजन का समापन कल+

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ज्योलीकोट [नैनीताल [ दूरस्थ दुर्गम जंगलों के बीच स्थित पौराणिक मान्यताओं,आस्था का केंद्र श्री मार्कण्डेय आश्रम मंदिर,मोरा, दोगड़ा में श्री मार्कण्डेय पुराण के दस दिवसीय आयोजन का समापन कल मगंलवार को विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और भंडारे, प्रसाद वितरण के साथ होगा। कथा के नवम दिन मार्कण्डेय पुराण में व्यास मोहन चंद्र भट्ट लाल बाबा ने दत्तात्रेय-चरित्र की कथा, अत्रि-अनसूया , दुर्गासप्तशती, राजा हरिश्चन्द्र आदि कथा के प्रसंगों का वाचन किया और कहा कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्म की शक्ति की महिमा अपरम्पार है। उन्होंने कहा कि अजर अमर मार्कंडेय ऋषि की साधना आज भी शीघ्र फलदायी है। देर शाम से रात्रि तक भजन कीर्तन, धार्मिक अनुष्ठानों से जंगल में मंगल का अनुभव हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मार्कण्डेय आश्रम भीषण जंगलों के बीच स्थित है और लोगों की आस्था का बड़ा केन्द्र है, आश्रम के पास मार्कण्डेय कुंड हमेशा लबालब भरा रहता है, मान्यता है कि मार्कंडेय ऋषि ने उक्त स्थल पर तपस्या और सिद्धि प्राप्त की थी।
आयोजक स्वामी त्रिलोचनानंद,आचार्य गौरव पांडे, व्यवस्थापक ललित जीना, राकेश सूर्या ने लोगों से समापन में शामिल होकर प्रसाद और भंडारा ग्रहण करने की अपील की है।

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