‘रेड अलर्ट’ और भारी बारिश के बीच सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र कोटलिया सुमित जोशी, ने मानवता का उदाहरण देकर तीन मजदूरों को देर रात्रि ‘गांजा मंदिर’ परिसर में लाकर सुरक्षित प्रवास करा कर सराहनीय कार्य किया। अन्यथा इन मजदूरों के साथ रात्रि में कोई अनहोनी हो सकती थी…
जानकारी के अनुसार ज्योलिकोट सरियाताल मोटर मार्ग में प्रस्तावित पुल के लिए मिट्टी परीक्षण का कार्य चल रहा है जिसके लिए मशीनें नाले के पास खड़ी कर समीप पालीथीन की झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। कि देर शाम पुलिस ने खतरे को को देखते हुए परदेशी मजदूरों को उक्त स्थल से हटा दिया गया। भारी बारिश के बीच अनजान जगह में बेबस उक्त मजदूर पालीथीन ओढ़ कर नाले से कुछ दूरी पर पेड़ के नीचे लेटे थे कि इसकी जानकारी देर रात साढे नौ बजे सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र कोटलिया और सुमित जोशी को हुई तो अपने निजी वाहन से उक्त मजदूरों को गांजा स्थित देवी मंदिर परिसर में प्रवास और भोजन कराया, पता चला कि भारी बारिश के कारण उक्त मजदूरों ने भोजन भी नही किया था । दोनों सामाजिक कार्यकर्ता की प्रशंसा हो,रही है, और मजदूरों ने …
उनका आभार व्यक्त किया |मजदूरों का कहना था की आज आज यदि दोनों मसीहा नहीं आते तो हमारे साथ बड़ी घटना घट सकती थी|आश्चर्यचकित बात यह है कि जो ठेकेदार इनको लेकर आया था वह नदारत था।