ब्रेकिंग रुद्रपुर:🤱 मांगने गई इंसाफ, इसके बदले में मिली ‘पुलिसिया पिटाई’? ‘ चौंकिये मत’ 😯’ पुलिस” का एक से बड़ा अमानवीय कारनामा, ‘सोशल मीडिया पर वायरल ‘वीडियो’ ‘!! ”✔️सीएम साहब देखिए यह क्या हो रहा है$ ✍️अशोक गुलाटी editor-in-chief, दीपक शर्मा ब्यूरो चीफ

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”जब से श्रीमान नए कोतवाल साहब आए हैं, रोज नए-नए कारनामों से इतिहास बनता जा है, यदि यही स्थिति रही, उत्तराखंड के इतिहास में इस कोतवाली का नाम सुर्ख़ियों में दर्ज होगा?…

रुद्रपुर:🤱 मांगने गई इंसाफ, इसके बदले में मिली ‘पुलिसिया पिटाई’? ‘चौकिया मत’ ”अमानवी पुलिस” का एक से बड़ा कारनामा!! अशोक गुलाटी editor-in-chief, दीपक शर्मा ब्यूरो चीफ

रुद्रपुर कोतवाली से लाइव

शहर की कोतवाली में जब से नया श्रीमान कोतवाल आया है तब से कोतवाली पुलिस के एक से बढ़कर एक कारनामे सामने आ रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे शहर की पुलिस की संवेदनशीलता तो दिनों दिन समाप्त होती ही जा रही है ,साथ ही मातृशक्ति के प्रति पुलिस का अब तक पर्दे के पीछे रहा परंपरागत पुरुष प्रधान दृष्टिकोण भी उजागर होने लगा है। वह इसलिए, क्योंकि।विगत दिनों छेड़छाड़ के विरुद्ध फरियाद लेकर पहुंची मातृशक्ति एवं उसके परिजनों से कोतवाली पुलिस की झूमा झटकी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। वायरल वीडियो में पीड़िता रेनू यह कहती हुई साफ सुनी जा सकती है कि कोतवाली पुलिस ने उसकी छेड़छाड़ की रिपोर्ट पर कार्यवाही करने के बजाय उल्टा उससे व उसके साथ आए परिजनों के साथ मारपीट की। वीडियो में पीड़िता की रिश्तेदार धर्मवती ने यह आरोप भी लगाया है कि कोतवाली पुलिस ने वर्दी के नशे में घायल व्यक्तियों तथा बच्चों एवं महिलाओं तक को नहीं बख्शा। पीड़िता की रिश्तेदार धर्मवती के वीडियो वर्जन के अनुसार पीड़िता के पड़ोस में रहने वाले दो- तीन युवक उसके साथ आए दिन छेड़छाड़ करते थे। छेड़छाड़ से तंग आकर पीड़िता बीते दिन आरोपी युवकों के घर शिकायत करने चली गई ।जिस पर क्रोधित आरोपी युवकों और उसके परिजनों ने, न केवल पीड़िता बल्कि उसके परिवार जनों के साथ भी मारपीट की। घटना के बाद आरोपी पक्ष ने ही 112 पर फोन करके पुलिस बुला ली। मौके पर पहुंचने के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को कोतवाली पहुंचने का निर्देश दिया। दोनों पक्षों के कोतवाली पहुंचने पर पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाया और मामले की जानकारी लेने लगी। इसी मध्य दोनों पक्षों के बीच गरमा गरम बहस होने लगी। आरोप है कि पुलिस ने दोनों पक्षों के मध्य शांति स्थापित करने की बजाय के बजाय पीड़ित पक्ष के लोगों को ही धुनक के रख दिया। हालांकि सामने आए वीडियो में पीड़ित पक्ष के साथ पुलिस की केवल झूमा झटकी ही दिखाई दे रही है, फिर भी यह सवाल अपनी जगह मौजूद है कि क्या छेड़छाड़ और लज्जा भंग की कोशिशों के विरुद्ध फरियाद लेकर पहुंची पीड़िता और उसके घायल परिजनों के साथ ऐसी पुलिसिया झूमा झटकी जायज है ? होना तो यह चाहिए था, कि कोतवाली पुलिस सहानुभूति पूर्वक पीड़िता की फरियाद सुनती और उसके आहत मन पर संवेदना का मरहम लगाती। मगर हुआ उसके ऐन उलट। खैर ! पुलिस तो गरीब गुरबा की माई- बाप है, इकलौता सहारा है, इसलिए गरीब जनता के साथ वह चाहे जैसा भी सुलूक करे , फिर भी ऐसे समय जबकि कोलकाता की एक घटना से पूरा देश उबल रहा है और एक नर्स की बर्बर हत्या से समूचे रुद्रपुर में आक्रोश है, पुलिस से इतना तो अपेक्षित है कि वह मातृशक्ति के प्रति दुर्भाग्यपूर्ण रवैया अपनाना भले ही पूरी तरह बंद ना करे , पर कम तो कर ही दे। बहरहाल कोतवाली में दो पक्षों के बीच हुए हंगामे की वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब वायरल हो रही है। ।यदि यही स्थिति रही, उत्तराखंड के इतिहास में इस कोतवाली का नाम सुर्ख़ियों में दर्ज होगा? कोतवाली पुलिस पर सवालिया निशान खड़े कर रही है। उधर दूसरी ओर कोतवाल द्वारा पत्रकार को दी गई धमकी के विरोध में पूरे जनपद में विरोध हो रहा है, मुख्यमंत्री से कोतवाल को तत्काल हटाने की मांग की जा रही है|शीघ्र कोतवाल नहीं हटाए गए तो पूरे कुमाऊं में पत्रकारों के आंदोलन की तैयारी चल रही है।

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