बिग ब्रेकिंग नई दिल्ली: 💥केंद्रीय बजट 2024:: इनकम टैक्स, नई कर प्रणाली में 17500 रुपये तक का फायदा, स्टैंडर्ड डिडक्शन से लेकर स्लैब तक में ये बड़े बदलाव!

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✔️वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई) को केंद्रीय बजट 2024 पेश किया। इसी साल अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने वर्षों से लंबित बकाया प्रत्यक्ष कर की मांगों (डिमांड नोटिस) को वापस लेने का फैसला किया था। हालांकि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव वित्त मंत्री ने नहीं किया था। इस बार के बजट में वित्त मंत्री ने करदाताओं को लेकर कौन से बड़े एलान किए। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण केंद्रीय बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार का 11वां पूर्ण बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान टैक्सेशन से जुड़ा कोई बड़ा बदलाव नहीं किया था, लेकिन इस बार उन्होंने कुछ अहम एलान किए हैं। वित्त मंत्री ने करीब चार करोड़ लोगों को टैक्स से जुड़े लाभ होने की बात कही है। इस बार अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार करों को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी कम करने के प्रयासों को जारी रखेगी।नई कर प्रणाली के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव का एलान
इस बार वित्त मंत्री ने नई कर प्रणाली में तीन से सात लाख रुपये तक 5% कर का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि तीन लाख रुपए तक की आमदनी पर करदाताओं को कोई टैक्स नहीं देना होगा। सात से दास लाख रुपये तक की आमदनी वालों के लिए 10% टैक्स का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री के अनुसार नए एलानों से चार करोड़ लोगों को नई कर प्रणाली में 17,500 रुपये तक का लाभ होगा। वित्त मंत्री ने पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15000 रुपये से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दिया है। सरकार के इस फैसले से देश के वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलेगा।वित्त मंत्री ने कर व्यवस्था को विवेकपूर्ण बनाने का दावा किया था
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में करदाताओं को आश्वस्त किया था कि उनके योगदान का देश के विकास और जनता के कल्याण के लिए विवेकपूर्ण उपयोग किया गया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार ने कर दरों में कटौती की है और इन्हें विवेकपूर्ण बनाया है। नई कर योजना के तहत अब 7 लाख तक की आय वाले करदाताओं के लिए कोई कर देनदारी नहीं है। जबकि वित्तीय वर्ष 2013-14 में 2.2 लाख तक की आय वाले करदाताओं को ही कर देनदारी से छूट मिलती थी। टैक्सपेयर्स को मिलने वाली सुविधाओं कहा कि पिछले पांच वर्षों में करदाता सेवाओं में सुधार करने पर हमारा विशेष जोर रहा है|

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