”होम्योपैथी, एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति, की स्थापना जर्मन चिकित्सक डॉ. सैमुएल हैनिमैन ने 18वीं शताब्दी के अंत में की थी; होम्योपैथी की नींव ‘समान समान को ठीक करता है’ ! 💥डॉ. राजनीश कुमार शर्मा….
काशीपुर: 💥होम्योपैथी का परिचय, इसके लाभ और अन्य चिकित्सा प्रणालियों पर इसकी प्रभावशीलता के सदर्भ में डॉक्टर रजनीश कुमार शर्मा से प्रकाश जोशी ब्यूरो चीफ एक्सक्लूसिव बातचीत / होम्योपैथी, एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति, की स्थापना जर्मन चिकित्सक डॉ. सैमुएल हैनिमैन ने 18वीं शताब्दी के अंत में की थी। होम्योपैथी की नींव ‘समान समान को ठीक करता है’ (Similia Similibus Curentur) के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि वही पदार्थ जो एक स्वस्थ व्यक्ति में लक्षण उत्पन्न करता है, वही पदार्थ बीमार व्यक्ति में उन्हीं लक्षणों का उपचार कर सकता है, जब उसे अत्यधिक पतला करके दिया जाए।
होम्योपैथी के लाभ
- व्यक्तिगत उपचार:
होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी का इलाज व्यक्तिगत रूप से किया जाता है। रोगी के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक लक्षणों का विश्लेषण करके औषधि का चयन किया जाता है। - सुरक्षित और बिना साइड इफेक्ट्स:
होम्योपैथिक दवाओं का प्रयोग अत्यंत पतला करने के बाद किया जाता है, जिससे इनमें विषाक्तता की संभावना नहीं रहती। इसलिए, ये दवाएं बिना किसी साइड इफेक्ट्स के सुरक्षित मानी जाती हैं। - दीर्घकालिक लाभ:
होम्योपैथी बीमारी की जड़ तक पहुँचती है और रोग के मूल कारण को ठीक करती है, जिससे दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होते हैं। - रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास:
होम्योपैथी उपचार से शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा मिलता है, जिससे शरीर अपने आप रोगों से लड़ने में सक्षम होता है। - सभी आयु वर्गों के लिए उपयुक्त:
यह पद्धति बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए उपयुक्त होती है, क्योंकि इसमें दवाओं के कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होते।
होम्योपैथी की अन्य चिकित्सा प्रणालियों पर प्रभावशीलता
- मानसिक और भावनात्मक संपूर्ण स्वास्थ्य:
होम्योपैथी मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी ध्यान केंद्रित करती है और इनसे संबंधित समस्याओं का सफलतापूर्वक उपचार करती है। - साइड इफेक्ट्स की कमी:
अन्य चिकित्सा प्रणालियों में उपयोग किए जाने वाले दवाओं के मुकाबले, होम्योपैथी में दुष्प्रभावों का खतरा बहुत कम होता है। होम्योपैथी के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाएं अत्यंत पतली मात्रा में होती हैं, जिससे शरीर पर उनका कोई विषैला प्रभाव नहीं होता। - सस्ती और सुलभ:
होम्योपैथी के उपचार का खर्च अन्य चिकित्सा प्रणालियों की तुलना में काफी कम होता है। इसके दवाएं सस्ती होती हैं और आसानी से उपलब्ध होती हैं। - बच्चों और वृद्धों के लिए उपयुक्त:
होम्योपैथी के दवाएं बच्चों और वृद्धों के लिए भी सुरक्षित होती हैं। इन आयु वर्गों में यह चिकित्सा पद्धति विशेष रूप से प्रभावी होती है। - जीर्ण रोगों में कारगर:
होम्योपैथी ने अनेक जीर्ण और पुरानी बीमारियों में प्रभावशीलता दिखाई है, जिनमें अन्य चिकित्सा प्रणालियां प्रभावहीन साबित होती हैं। उदाहरण के लिए, अस्थमा, एलर्जी, अर्थराइटिस आदि रोगों में होम्योपैथी ने अच्छे परिणाम दिए हैं।
निष्कर्ष
होम्योपैथी एक सम्पूर्ण, प्रभावी और सुरक्षित चिकित्सा पद्धति है जो न केवल रोग के लक्षणों को ठीक करती है, बल्कि रोग के मूल कारण तक पहुँचती है। इसके व्यक्तिगत दृष्टिकोण, दीर्घकालिक लाभ और सुरक्षा की विशेषताएँ इसे अन्य चिकित्सा प्रणालियों पर अधिक प्रभावशाली बनाती हैं। अन्य चिकित्सा प्रणालियों पर इसकी प्रभावशीलता ने इसे विश्वभर में लोकप्रिय बनाया है। होम्योपैथी का व्यक्तिगत और प्राकृतिक उपचार दृष्टिकोण इसे एक विशेष और महत्वपूर्ण चिकित्सा पद्धति बनाता है।