”13 जून को बिनसर अभयारण्य में भीषण आग लग गई थी। वन कर्मी आग बुझाने मौके पर दौड़ पड़े थे। इस दौरान कई वनकर्मियों की जान चली गई’…
नई दिल्ली विशेष संवाददाता
18 दिन पूर्व बिनसर [अल्मोड़ा] अभयारण्य में लगी आग की चपेट में आकर झुलसे पीआरडी जवान कुंदन नेगी (44) ने भी दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। डीएफओ सिविल सोयम हेम चंद्र गहतोड़ी ने बताया कि वह 50 प्रतिशत से अधिक झुलस गया था। चिकित्सकों के लगातार प्रयास के बाद भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस घटना में मरने वालों की संख्या अब छह हो गई है। जिले में जंगल की आग से जलकर 11 लोगों की मौत हो चुकी है। ध्यान देने की बात यह है13 जून को बिनसर अभयारण्य में भीषण आग लग गई थी। वन कर्मी आग बुझाने मौके पर दौड़ पड़े थे। वन बीट अधिकारी त्रिलोक सिंह मेहता, फायर वॉचर करन आर्या, वन श्रमिक दीवान राम और पीआरडी जवान पूरन सिंह की जिंदा जलने से मौके पर ही मौत हो गई थी। फायर वॉचर कृष्ण कुमार, पीआरडी जवान कुंदन नेगी, वाहन चालक भगवत सिंह और वन श्रमिक कैलाश भट्ट बुरी तरह झुलस गए थे।
सभी को उपचार के लिए दिल्ली एम्स ले जाया गया था। घटना के छठे दिन फायर वॉचर कृष्ण कुमार की मौत हो गई। वहीं, 18 दिन बाद पीआरडी जवान भैंसियाछाना के खाकरी निवासी कुंदन नेगी ने भी दम तोड़ दिया है।
दो अन्य वन कर्मी अब भी जीवन और मौत से जंग लड़ रहे हैं। डीएफओ हेम चंद्र गहतोड़ी ने बताया कि रविवार तड़के तीन बजे के करीब उसकी मौत की सूचना मिली। दिल्ली से उसका शव देर रात या सोमवार सुबह तक उनके पैतृक गांव पहुंचेगा।
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