🥺किच्छा निवासी 26 वर्षीय सूरज तथा 27 वर्षीय विशाल कुमार उर्फ बटी मौके पर ही हादसे में मौत हो गई…
गुजरात के बड़ौदरा में काम करने गए किच्छा के दो युवकों की केमिकल फैक्ट्री में टैंक पटने से मौत हो गई। घटना से मृतकों के परिजनों में कोहराम मचा है। दोनों मृतकों के शव आज रात तक किच्छा लाये जाने की संभावना है। वहीं हादसे की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बडोदरा की फैक्ट्री में हुए दर्दनाक हादसे में उत्तराखंड के श्रमिकों की मौत पर शोक संवेदना व्यक्त की है। सीएम ने मुतकों के शव उनके निवास पहुंचाने के लिए उच्चाध्किारियों के दिया निर्देश दिये हैं । प्राप्त जानकारी के अनुसार किच्छा बंडिया निवासी 8 युवकों को ठेकेदार के माध्यम से गुजरात के बडोदरा स्थित ईपैक केमिकल फैक्ट्री में लग रहे नए प्लांट में काम करने के लिए ले जाया गया था। बताया गया है कि वहां पर फैक्ट्री में पानी के प्रेशर टैंक की मरम्मत का काम चल रहा था जिसमें पानी भरा जा रहा था। इसी दौरान अचानक टैंक पट गया और उसके आस पास काम कर रहे मजदूर इसकी चपेट में आकर बुरी तरह घायल हो गए। घायल मजदूरों को वहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर किच्छा के दो युवकों सहित चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों के साथी किच्छा निवासी श्रमिक अजीत ने दूरभाष पर जानकारी देते हुए बताया कि वे लोग किच्छा के ही ठेकेदार के साथ गुजरात के बड़ौदा स्थित ई पैक केमिकल फैक्ट्री में काम करने हेतु गए हुए थे जिसमें पानी के प्रेशर टैंक का काम चल रहा था जिसमें पानी भरा जा रहा था। अजीत ने बताया कि टैंक में अधिक प्रेशर बन जाने के कारण टैंक पट गया और उसके आस पास काम कर रहे मजदूर चपेट में आ गए। अजीत ने बताया कि इस हादसे में किच्छा निवासी 26 वर्षीय सूरज तथा 27 वर्षीय विशाल कुमार उर्फ़ बंटी की मौके पर ही हादसे में मौत हो गई। दोनों मृतकों के शवों को मुंबई एयरपोर्ट से लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने श्रमिकों का पोस्टमार्टम कराने के बाद मुंबई एयरपोर्ट से देहरादून के लिए टिकट करवा दिया लेकिन किसी भी प्रकार की अन्य सहायता नहीं दी है। वे लोग मुंबई एयरपोर्ट पर ही मौजूद है। श्रमिक का कहना है कि जो ठेकेदार उन्हें फैक्ट्री में काम करने के लिए ले गया था वह भी फोन नहीं उठा रहा है जिस वजह से उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अजीत ने बताया कि फैक्ट्री के अधिकारियों द्वारा उनका एयर टिकट देहरादून का बना दिया है जिस वजह से उन्हें और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। समाचार लिखे जाने तक अजीत अपने साथी तथा मृतकों के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर ही मौजूद था। अजीत ने बताया कि कंपनी के अधिकारियों द्वारा उन्हें लगातार गुमराह किया गया है। यहां तक कि जो मोबाइल नंबर दिए गए हैं वह भी गलत है। कंपनी का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनके पास नही आया है।