न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्ड पीठ अगली सुनवाई 13 मई की तिथि नियत की है
नैनीताल ब्यूरो चीफ उत्तराखंड हाई कोर्ट ने खटीमा में चौकी इंचार्ज के द्वारा पत्रकार के साथ मारपीट करने व उसे बिना किसी कारण के हवालात में बंद करने के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्ड पीठ ने राज्य सरकार सहित एसएसपी उधम सिंह नगर व एसएचओ खटीमा से घटना के मामले पर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दीए हैं। मामले की अगली सुनवाई 13 मई की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार खटीमा निवासी पत्रकार दीपक यादव ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा है कि उनका पुत्र कपिल यादव 21 फरवरी को सात बजे प्लाट में मकान का कार्य देखकर खटीमा वापस आ रहा था तभी उसका कुछ बच्चों के साथ कहा सुनी हो गयी। जिसकी सूचना उनके पुत्र ने फोन पर उन्हें दी। सूचना मिलते ही वे घटना स्थल पर पहुँचे। लेकिन उनसे पहले ही चौकी इंचार्ज संदीप पिलखवाल वहाँ पहुँच गए। जब पत्रकार ने इसकी जानकारी चौकी इंचार्ज से चाही तो इंचार्ज ने उनके साथ गली गलौच करके उन्हें गाड़ी में बिठाकर थाने ले गए और उन्हें हवालात में बंद कर दिया। पुलिस ने फर्जी तरीके से चलान करके उनकी स्कूटी भी सीज कर दी। जब इसकी सूचना अन्य पत्रकार बंधुओ को मिली तो वे उनसे मिलने के लिए थाने गए परन्तु उनको उनसे नही मिलने दिया। उनके द्वारा इसकी शिकायत एसएसपी व मुख्यमंत्री से की गई परन्तु अभी तक उनकी शिकायत पर चौकी इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज नही किया गया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि चौकी इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाय।ड हाई कोर्ट ने खटीमा में चौकी इंचार्ज के द्वारा पत्रकार के साथ मारपीट करने व उसे बिना किसी कारण के हवालात में बंद करने के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्ड पीठ ने राज्य सरकार सहित एसएसपी उधम सिंह नगर व एसएचओ खटीमा से घटना के मामले पर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दीए हैं। मामले की अगली सुनवाई 13 मई की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार खटीमा निवासी पत्रकार दीपक यादव ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा है कि उनका पुत्र कपिल यादव 21 फरवरी को सात बजे प्लाट में मकान का कार्य देखर खटीमा वापस आ रहा था तभी उसका कुछ बच्चों के साथ कहा सुनी हो गयी। जिसकी सूचना उनके पुत्र ने फोन पर उन्हें दी। सूचना मिलते ही वे घटना स्थल पर पहुँचे। लेकिन उनसे पहले ही चौकी इंचार्ज संदीप पिलखवाल वहाँ पहुँच गए। जब पत्रकार ने इसकी जानकारी चौकी इंचार्ज से चाही तो इंचार्ज ने उनके साथ गली गलौच करके उन्हें गाड़ी में बिठाकर थाने ले गए और उन्हें हवालात में बंद कर दिया। पुलिस ने फर्जी तरीके से चलान करके उनकी स्कूटी भी सीज कर दी। जब इसकी सूचना अन्य पत्रकार बंधुओ को मिली तो वे उनसे मिलने के लिए थाने गए परन्तु उनको उनसे नही मिलने दिया। उनके द्वारा इसकी शिकायत एसएसपी व मुख्यमंत्री से की गई परन्तु अभी तक उनकी शिकायत पर चौकी इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज नही किया गया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि चौकी इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाय।