बिग ब्रेकिंग अल्मोड़ा: 😲’अंडरवर्ल्ड डॉन’ पी पी अपराधों की दुनिया से ‘तौबा’ करना चाहता है!💥 जेल परिसर में अनुष्ठान की अनुमति मांगी? ✍️अशोक गुलाटी editor-in-chief एक्सक्लूसिव :- रिपोर्ट

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अल्मोड़ा: 😲’अंडरवर्ल्ड डॉन’ पी पी अपराधों की दुनिया से ‘तौबा’ करना चाहता है!💥 जेल परिसर में अनुष्ठान की अनुमति मांगी? ✍️

अशोक गुलाटी editor-in-chief एक्सक्लूसिव :- रिपोर्ट

एक जमाना था जब अंडरवर्ल्ड पी पी डट के नाम से बड़े-बड़े गुंडेे गुंडे थर-थर कांपते थे । आज अंडरवर्ल्ड के प्रकाश पांडे उर्फ पीपी ने अल्मोड़ा जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर संन्यास लेने के लिए जेल परिसर स्थित मंदिर में एक अनुष्ठान करने की अनुमति मांगी है। साथ ही उसने यह पत्र वायरल भी किया है। जेल अधीक्षक ने डीआईजी जेल को पीपी का पत्र भेज दिया है। हालांकि जेल प्रशासन मंदिर में अनुष्ठान की अनुमति नहीं देना चाहता है।

ध्यान देने की बात यह है कि उर्फ पीपी अंडरवर्ड डॉन है। पीपी के विरुद्ध देशभर के थानों में एक दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। कई मुकदमे में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई है। अब भी न्यायालयों में उस पर हत्या, लूट समेत कई मामले में सुनवाई चल रही है। वर्ष 2010 में पीपी मलेशिया से पकड़ा गया था। तब से वह अल्मोड़ा जेल में आजीवन कारावास भुगत रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 13 मार्च को पीपी ने अल्मोड़ा जेल अधीक्षक को एक पत्र लिखा था। इसमें अल्मोड़ा जेल के बाहर मंदिर में अनुष्ठान करने की अनुमति मांगी थी। इस अनुष्ठान में वह दीक्षा लेकर संन्यासी बनना चाहता है। पीपी ने पत्र में कहा था कि वह गौ सेवा, राष्ट्र सेवा करना चाहता है। उसे अपने पूर्व में किए कामों पर पश्चाताप है। जेल प्रशासन के सूत्र बताते हैं कि पीपी को अगर संन्यास लेना था तो वह बिना धार्मिक कार्यक्रम भी ले सकता है। इसके लिए वह अनुष्ठान क्यों करना चाहता है। इसके पीछे जेल प्रशासन बड़ी साजिश का भी अंदेशा जता रहा है। हालांकि इस मामले में जेल प्रशासन ने अनुष्ठान कराने की अनुमति देने से मना कर दिया है। साथ ही डीआईजी जेल को अवगत करा दिया है।

खबर के मुताबिक जेल अधीक्षक अल्मोड़ा जयंत पांगती के मुताबिक प्रकाश पांडे उर्फ पीपी ने संन्यास लेने के लिए जेल परिसर स्थित मंदिर में अनुष्ठान करने की अनुमति मांगी है। वह इसमें दीक्षा देने के लिए बाहर से किसी को बुलाना चाहता है। पीपी को अगर अपने किए पर पश्चाताप है तो वह वैसे भी संन्यास ले सकता है। अनुष्ठान कराने और अपने पत्र को वायरल कराने की क्या जरूरत है। ऐसा प्रकरण पहली बार सामने आया है। डीआईजी जेल को पूर्व में अवगत करा दिया गया है। उसका पत्र भी मुख्यालय भेजा गया है। आरोपी के खिलाफ अब भी कई मामले न्यायालय में लंबित हैं। इस खबर से जेल प्रशासन भी आचार्यचकित है कहीं इसमें कोई साजिश तो नहीं है? जानकार सूत्रों का मानना है कि इसके गैंग के सभी लगभग समाप्त हो चुके हैं और वह अब समझ चुका है कि आगे कोई रास्ता नहीं बचा है इसलिए बीपी ने सन्यासलेने की सोची होगी? बरहाल देखना होगा की जेल प्रशासन अनुष्ठान करने की अनुमति देता है कि नहीं?

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