23अप्रैल 1983 Dainik जागरण अंक में अयोध्या “राम नवमी मेला” परिशिष्ट छपा था जो नीचे दिया गया है; हालांकि अयोध्या की सैकड़ो खबरें प्रकाशित की थी ;कई अयोध्या पर विशेषांक भी प्रकाशित किए थे; परंतु यह महत्वपूर्ण समाचार पत्र विशेषांक की कटिंग अखबार की पंक्ति बची है; बाकी कहीं गुम हो गए हैं; 🥺आज सत्य दास्तान रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के इतिहासिक शुभ अवसर पर ….
कहने का अवसर प्रदान हुआ क्योंकि आज के ऐतिहासिक दिन में आज जहां विश्व भर की मीडिया इकट्ठी थी ;वही चार दशक पर कोई भी संवाददाता अयोध्या क्यों नहीं जाना चाहता थाl आपको विस्तार से बताते हैं। मैं फैजाबाद में रहता था 1981 82 पत्रकारिता की रुचि थी ;इस दौरान लखनऊ से कुछ वर्ष पूर्व दैनिक जागरण प्रकाशित हुआ था ;मैं लखनऊ गया वहां पर डेक्स इंचार्ज मधुसूदन बाजपेई जी थे। समाचार संपादक दयाराम उपाध्याय जी थे ;उन्होंने बताया कि फैजाबाद से त्रिजोगी नारायण तिवारी संवाददाता थे। अयोध्या में कोई भी रिपोर्टर नहीं था क्योंकि उसे समय अयोध्या में समाचार पत्र कम बिकते थे क्योंकि फैजाबाद से अयोध्या 10=12 किलोमीटर दूर था। वहां रिपोर्टर वहां जाना नहीं चाहता था क्योंकि मेरे पास स्कूटर था मजेदार बात यह है कि उसका नंबर मुझे आज भी याद है यू आर डी 1438 था मुझे अयोध्या में संवाददाता के रूप में नियुक्त कर दिया गया अल्प समय में मैंने अयोध्या की कई क्राइम व धार्मिक खबरें छापकर सनसनी पैदा कर दी और समाचार पत्र को बुलंदियों पर ला दिया। संपादक जी ने मेरी कार्य शैली को देखते हुए मुझे फैजाबाद का जिला संवाददाता बना दिया गया और मैं वहीं से खबरें कवरेज करने लगा; कुछ बरसों बाद हमारे पिताजी आर्मी में होने के कारण चौपटिया रानीखेत आ गए। इस दौरान 90 के दशक में बरेली से दैनिक जागरण शुरू हुआ और मुझे रानीखेत का संवाददाता बना दिया गया और मैंने कुमायूं मंडल बरसों तक अखबार की अलग पहचान बना दी उसके बाद मुझे रुद्रपुर तबादला कर दिया गया कुछ वर्ष रुद्रपुर रहने के बाद मेरा तबादला खटीमा कर दिया गया खटीमा के बाद मेरा तबादला लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश किया गया से जिससे हताश निराश हो गया मैं हताश होकर समाचार पत्र से विदा ले ली और हिंदुस्तान समाचार पत्र में उधम सिंह नगर जनपद का जिला प्रभारी बना कुछ वर्षों बाद मैंने समाचार पत्र छोड़कर अपना सप्ताह की उत्तरांचल देवभूमि माया शुरू किया जो आज 18 वर्षों से चल रहा है कुमाऊं में काफी लोकप्रिय है विगत चार वर्षो से देवभूमि माया न्यूज़ पोर्टल चैनल तथा देहरादून से भी सप्ताह की समाचार पत्र उत्तरांचल देव भूमि माया शुरू किया है। मैं एक बात महत्वपूर्ण कहना चाहता हूं हमने अपना पूरा जीवन समाचार पत्रों के लिए लगा दिया परंतु हमें उनसे अपेक्षा ही मिली। समाचार पत्र की नीति शोषण की नीति है जितने भी मेरे साथी थे सबने बड़े अखबारों को छोड़कर अपने पोर्टल या अखबार शुरू कर दिए। नहीं युवा पीढ़ी से मैं अपने अनुभव कहना चाहूंगा जो पत्रकारिता में रुचि रखते हैं वह सोच समझ कर ही समाचार पत्र या चैनल में जुड़े समझदार के लिए इशारा ही काफी है। बरहाल आज अयोध्या में जहां देश विदेश से सैकड़ो मीडिया कर्मी एकत्रित थे वही चार दशक पूर्व मात्र गिने-चुने ही पत्रकार साथी ही वहां जाकर खबर कवरेज करने जाते थे । कल्पना नहीं की थी जो मैंने लिखा है यह अयोध्या वासियों के दिन कब फिरेंगे मैंने सोचा भी नहीं था कि आज का दिन इतना महान होगा और मुझे यह अफसर प्रदान होगा धन्यवाद।