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देहरादून। विशेष संवाददाता पौंधा स्थित दिशा फारेस्ट प्रोजेक्ट की दिशा-वन और दिशा-टू विवादित जमीन के मामले में अब एक और खुलासा हुआ है। वन विभाग को भी नहीं पता कि पौंधा के विवादित भूमि पर पेड़ काटने की अनुमति दी गयी थी या नहीं। यह खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने किया है। एडवोकेट विकेश नेगी ने कहा है कि विवादित भूमि से पेड़ काटने की अनुमति संबंधी जानकारी वन विभाग से मांगी गयी थी, लेकिन विभाग से जानकारी मिली है कि पेड़ काटने की अनुमति सूचना धारित नहीं है। उनका कहना है कि भूमाफिया ने मीडिया के सामने स्वीकार किया था कि वन विभाग ने 30 पेड़ काटने की अनुमति दी है। यदि ऐसा है तो वह अनुमति कहां और किसने दी? एडवोकेट विकेश नेगी का कहना है कि इस हाईप्रोफाइल मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
पौंधा में विवादित प्रोजेक्ट दिशा-वन और दिशा-टू की जमीन पर गूगल मैप में सैकड़ों पेड़ दिखाए गये लेकिन मौजूदा समय में वहां एक भी पेड़ नहीं है। आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने इस विवादित जमीन के फर्जीवाड़े को उजागर किया। यहां प्रदेश के 95 से भी…..
अधिक नौकरशाहों ने जमीन खरीदी है। जमीन बेचने वाले बिल्डर आईएस बिष्ट ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से मीडिया के सामने दावा किया कि प्रोजेक्ट में किसी तरह की खामी नहीं है। यह भी कहा गया कि इस भूमि पर महज 30 पेड़ थे, इनको काटने की अनुमति वन विभाग से ली गयी थी।