breaking: 💥राष्ट्रीय प्रेस दिवस! ‘चिराग तले अंधेरा’? 🥺 ‘दर्जनों पत्रकार यूनियन; अपनी ‘डफली’ ‘अपना राग’! 🌷उद्योगपतियों के पास इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया स्वामी+ युवाओं पाठकों की पसंद आज ‘सोशल मीडिया’ ✔️’चार दशक का अनुभव”✍️अशोक गुलाटी editor-in-chief

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हल्द्वानी।राष्ट्रीय प्रेस दिवस! ‘चिराग तले अंधेरा’? 🥺 ‘दर्जनों पत्रकार यूनियन; अपनी ‘डफली’ ‘अपना राग’! ✍️अशोक गुलाटी editor-in-chiefआज देश राष्ट्रीय प्रेस दिवस मना रहा है। यह भारत में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय दिवसों में से एक है। यह दिन एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की मौजूदगी का प्रतीक है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रत्येक वर्ष ’16 नवंबर’ को मनाया जाता है। विश्‍व में अब लगभग 50 देशों में प्रेस परिषद या मीडिया परिषद है। वर्तमान स्वरूप मैं दर्जनों पत्रकार यूनियन है सब अपना डफली अपना राग गा रहे हैं रहे हैं बड़े-बड़े समाचार पत्रों से कलमकारों की छुट्टी हो रही है और सही मायने में देखा जाए तो आज ईमानदार कलमकार संकट में है? बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने इलेक्ट्रॉनिक एवं मीडिया प्रिंट मीडिया को खरीद लिया है पत्रकार एक नौकरी के रूप में काम करने जाते हैं । यही कारण है कि कई वरिष्ठ जाने-माने पत्रकारों ने नौकरी छोड़कर अपना पोर्टल चैनल शुरू कर दिया है यही कारण है कि वह आज लोकप्रिय होता जा रहा है और सोशल मीडिया को पाठक पसंद कर रहे हैं आज यही कारण है कि आज बड़े-बड़े समाचार पत्र तथा बड़े-बड़े चैनल का ग्राफ निरंतर गिरता जा रहा है ? गौर तलब है कि भारत में प्रेस को ‘वॉचडॉग’ एवं प्रेस परिषद इंडिया को ‘मोरल वॉचडॉग’ कहा गया है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस, प्रेस की स्वतंत्रता एवं जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रेस की आजाद। के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। साथ ही यह दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है। प्रेस की आजादी के महत्व के लिए दुनिया को आगाह करने वाला ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है। वैसे भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है। दरअसल, प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। परिणाम स्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से प्रतिवर्ष 16 नवंबर को ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ पत्रकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं को फिर से समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है। बरहाल अपनी बात को हम यहीं खत्म करते हुए सभी सम्मानित साथियों को प्रेस दिवस पर शुभकामनाएं देता हूं।

स्थापना की गई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से प्रतिवर्ष 16 नवंबर को ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ पत्रकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं को फिर से समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है। बरहाल अपनी बात को हम यहीं खत्म करते हुए सभी सम्मानित साथियों को प्रेस दिवस पर शुभकामनाएं देता हूं।

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