टनकपुर: (चंपावत) नवरात्रों में ‘मां पूर्णागिरि धाम” में लगा श्रद्धालुओं का तांता!👉 मां के ‘जयकारों’ से ‘गूंजा” क्षेत्र@✍️सुंदर बहादुर ब्यूरो चीफ की ग्राउंड जीरो से exclusive :– रिपोर्ट

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टनकपुर: (चंपावत) नवरात्रों में ‘मां पूर्णागिरि धाम” में लगा श्रद्धालुओं का श्रद्धालुओं का तांता!👉 मां के जयकारों से गूंजा क्षेत्र@✍️सुंदर बहादुर ब्यूरो चीफ की ग्राउंड जीरो से exclusive:- रिपोर्ट / शारदीय नवरात्रों में माता के दर्शन करने के लिए चंपावत जनपद के सुप्रसिद्ध माता पूर्णागिरि धाम में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब। प्रशासन ने किए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त। माना जाता है देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण में देवी देवताओं का वास है चार धाम के अलावा यहां स्थापित अनेकों तीर्थ स्थलो में समूचे भारतवर्ष व विदेशों से तीर्थ यात्री इन धर्मस्थलों पर अपने आराध्य के दर्शन एवं आशीर्वाद पाने आते हैं इन्हीं में से एक तीर्थ स्थल है चंपावत जनपद के टनकपुर क्षेत्र में पड़ने वाला सुप्रसिद्ध माता पूर्णागिरि का दरबार जो अपने अपार प्राकृतिक सौंदर्य लिए प्रसिद्ध होने के साथ ही माता सती के नाभी स्थल शक्तिपीठ के रूप में करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। देश के इक्यावन शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ माता पूर्णागिरि धाम का अपना एक अहम स्थान हैं। ऐसी मान्यता है कि जब भगवान शिव की पत्नी माता सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति द्वारा महादेव को अपमानित करने से रुष्ट होकर हवन कुंड में छलांग लगा कर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। तब भगवान शंकर ने क्रोधित होकर ब्रह्मांड में हाहाकार मचा दिया था और माता सती की जली हुई देह को अपने हाथों में लेकर आकाश मार्ग से विचरण करने लगे थे। जिसके बाद देवताओं के आग्रह पर भगवान विष्णु ने अपने चक्र के द्वारा माता सती के जले हुए शव को इक्यावन टुकड़ों में विभाजित कर दिया। जिससे इक्यावन शक्तिपीठों की स्थापना हुई। उसी समय माता सती का नाभि अंग चंपावत जिले के पूर्णा पर्वत शिखर पर गिरने से माता पूर्णागिरी नाभि स्थल शक्तिपीठ धाम की स्थापना हुई। हर वर्ष चैत्र नवरात्रि एवं शारदीय नवरात्र पर धाम में आयोजित होने वाले मेले में देश-विदेश से लाखों तीर्थयात्री यहां माता के दर्शन करने पहुंचते हैं। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूर्णागिरि दरबार पहुंच रहे हैं। नवरात्र मेला शुरू होने के तीन दिनों के भीतर ही लगभग 60 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर लिये हैं। नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में आयोजित होने वाले इस मेले की सुरक्षा को लेकर जहां चंपावत पुलिस के द्वारा पुख्ता व्यवस्था की गई है। तो वही मेले में श्रद्धालु की सुविधाओं को लेकर किए गए इंतजामों के बारे में जानकारी देते हुए टनकपुर के उप जिलाधिकारी अशोक जोशी ने बताया कि धाम में सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ यात्रियों की सुविधा के लिए विद्युत एवं ……..

पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है। जिससे कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो। मेला क्षेत्र की साफ सफाई व्यवस्था के लिए मेला समिति एवं जिला पंचायत को निर्देशित किया गया है।

💥मां पूर्णागिरी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़/💥अशोक जोशी – उप जिलाधिकारी टनकपुर/💥अविनाश वर्मा – पुलिस क्षेत्राधिकारी टनकपुर
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