चंपावत 10 सितंबर विशेष संवाददाता
महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर चिंतक, समाज सुधारक, दूरदर्शी राजनेता, कुशल प्रशासक, भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की 136 वीं जयंती के अवसर पर जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे ने जिला कार्यालय परिसर चंपावत में पंडित जी की मूर्ति एवं चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें कोटि-कोटि नमन किया। पंडित जी के चित्र पर माल्यार्पण के बाद जिला कार्यालय सभागार में गोष्ठी के आयोजन पर जिलाधिकारी ने कहा कि पंडित जी के अंग्रेजी शासन के विरुद्ध संघर्ष व हिंदी भाषा के विकास में उनका अविस्मरणीय योगदान समस्त देशवासियों द्वारा सदैव याद रखा जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण दिन हमें देश के उन वीर सपूतों की याद दिलाते हैं जिन्होंने हमें इस आजाद देश में खुली हवा में रहने का मौका दिया और इस प्रकार के महत्वपूर्ण दिवसों पर सभी लोग अपनी उपस्थिति देते हुए इन वीर सपूतों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि इन महापुरुषों के जीवन से हमें सीखने की जरूरत है हमें अच्छी बातों को अपने जीवन में उतारते हुए देश व समाज के हित के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को लंबे समय तक याद रखने में उसका संघर्ष, उसकी शिक्षा के साथ ही देशव्यापी हित के लिए कार्य महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा की पंत जी के द्वारा महिलाओं के लिए निशुल्क शिक्षा के साथ ही अनिवार्य शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पंत जी ने छोटे से गांव से निकलकर विषम पारिवारिक परिस्थितियों के साथ ही अन्य विषम परिस्थितियों में भी देश के विकास के लिए अपना शत प्रतिशत योगदान दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी को देश के विकास के लिए कार्य करना होगा और इसे करने के लिए हमें अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ करना होगा। उन्होंने कहा की हमेशा हमें दो बातों को लेकर अपने दायित्वों को निभाना होगा, पहला जो कार्य सही है उसे हर हाल पर ससमय पूरा करना और दूसरा जो कार्य गलत है उसे कभी भी नही करना।
इस अवसर पर उपस्थित अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा ने भी पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी के जीवन संघर्ष तथा उनके द्वारा देश समाज के हित में किए गए विभिन्न सुधार जिसमें भू सुधार कानून, जमींदारी उन्मूलन एवं हिन्दी भाषा को बढ़ाए जाने जैसे अनेक सुधार कार्य आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सदर सौरभ असवाल,जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी आदि ने अपने अपने विचार रखे।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सौरभ असवाल, डीडीएमओ मनोज पांडे सहित जिला कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भगवत प्रसाद पांडे द्वारा किया गया।
इसके उपरांत पंत जयंती के अवसर पर स्थानीय गौरलचोड़ मैदान स्थित अमृत वाटिका में नव स्थापित पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की मूर्ति का जिला अधिकारी नवनीत पांडे द्वारा अनावरण किया गया। इस अवसर पर पंत जयंती आयोजन समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्री पाण्डे ने कहा कि हम सभी को अपनी कार्यशैली को और बेहतर करते हुए माननीय मुख्यमंत्री के संकल्प जनपद चंपावत को आदर्श जनपद बनाने में आपसी समन्वय के साथ कार्य करने होंगे। उन्होंने कहा कि पंडित गोविन्द बल्लभ पंत ने देश को नई दिशा देने के साथ ही कुली बेगार प्रथा तथा जमींदारी उन्मूलन के लिए निर्णायक संघर्ष करने, समाज में लोगों को नशे से दूर रखने के साथ ही समाज में व्याप्त बुराईयों को दूर करने में अहम भूमिका निभाई,देश की आजादी में उनका अविस्मरणीय योगदान रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री एवं देश के गृहमंत्री रहते हुए आधुनिक भारत के निर्माण में भी पंत जी की विशेष भूमिका रही। उनका संघर्षशील एवं प्रेरणादायक नेतृत्व देशवासियों के लिए सदा प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष विजय वर्मा ने पंडित जी के शिक्षा, चुनौतियों, देश की आजादी के लिए किए गए संघर्ष आदि पर प्रकाश डाला और कहा कि ऐसी महान विभूतियां हमारे क्षेत्र से हैं जो हमें हमेशा ही गौरवान्वित करती है। उन्होंने कहा कि हमें जनपद को आदर्श चंपावत बनाने हेतु मिलजुल कर कार्य करने होंगे विशेष कर हमें स्वच्छता पर ध्यान देना होगा। इस अवसर पर पंत फाउंडेशन के जिला संयोजक शंकर दत्त पांडेय द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए पंडित गोविन्द बल्लभ पंत जी के जीवन संघर्ष व उनके आदर्शों के संबंधों में अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि चंपावत प्रकाश तिवारी, ब्लॉक प्रमुख रेखा देवी, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्याम नारायण पांडेय,व्यापार संघ अध्यक्ष विजय वर्मा,उद्यमी नरेंद्र लडवाल, सूरज प्रहरी, उपजिलाधिकारी सौरभ असवाल,मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल भंडारी, तहसीलदार ज्योति धपवाल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र गहतोड़ी ने किया।