ब्रेकिंग जैंती: ( अल्मोड़ा ) ग्रामसभा आरखेत में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का समापन हुआ! भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया @👁️राजेन्द्र सिंह नेगी (राज) संवाददाता की रिपोर्ट

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जैंती ( अल्मोड़ा ) राजेन्द्र सिंह नेगी (राज) की रिपोर्ट। ग्रामसभा आरखेत में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का समापन हुआ। अल्मोड़ा के जैंती के ग्रामसभा आरा खेत में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आज समापन हुआ, भागवत कथा में चार वेद पुराण एवं गीता एवं श्रीमद्भागवत महापुराण की व्याख्या परम श्रद्धेय आचार्य पंकज पंत जी ग्राम नया संग्रौली के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया, लोगों ने रातभर इस संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया, इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से भारी संख्या में महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का श्रवण किया, सात दिनों तक इस कथा में पूरा वातावरण भक्तिमय रहा। आप को बता दें अल्मोड़ा जिले के जैंती क्षेत्र से लगे ग्राम आरा खेत में विराजमान मां भगवती का यह मंदिर अपने कई चमत्कारों के लिए जाना जाता है, मन्दिर प्रांगण से ठीक लगभग पांच-छ सौ मीटर नीचे माता रानी के सात झरने जो सदाबहार बहते हैं, मान्यता है, पहले इन झरनों से दूध की धारा बहा करती थी, आज भी त्यौहारों पर यहां दूर दराज से श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं, तथा श्रद्धालु अपने बच्चों के जनेऊ संस्कार भी यहां कराते हैं, माता रानी सच्चे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है, मन्दिर प्रांगण में इन दिनों मां की शक्ति पीठ जगह जगह पर निकली हैं, जो पहले भी थी लेकिन पहले बहुत कम दिखाई पड़ती थी, आज जिनका आकार बड़ रहा है, अब इस महिमा को मां ही जाने भविष्य में जरुर ये उभरे हुवे शक्ति पीठों के लिए नए मंदिरों का निर्माण होगा, यहां जो भी भक्तजन जिस इच्छा से आता है मां भगवती उन्हें खाली हाथ नहीं भेजती, मां उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं, कई माताएं बहनें संतान प्राप्ति के लिए पूरी रात दीपक हाथ में लिए मां के समक्ष भक्ति करती हैं, और मां उन्हें उनकी इच्छा अनुसार संतान सुख देती हैं, मान्यता है कि मां भगवती के मंदिर में जिसने भी पूरी रात दीपक हाथ में पकड़े जलाया है, वो मां के दरबार से आज तक खाली हाथ नहीं लौटा, अब आपका सवाल यही होगा इतनी विशेषताओं के बावजूद आंखिर क्यों लोग जा नही पाते हैं? जवाब बस इतना है यह उस क्षेत्र के लिए/ उस गांव के लिए / उस गुमनाम धरोहर के लिए बहुत बड़ी विडंबना की बात है जिस क्षेत्र से जुड़े जनप्रतिनिधि बड़े बड़े पदों पर आसीन रहे, वह उस पवित्र भूमि को हमारी उस धरोहर तक सड़क मार्ग स्वीकृत न करा सके। जिस कारण आज वो धरोहर व उनकी विशेषताएं सिर्फ़ और सिर्फ़ वहीं तक सीमित रह गई हैं। जिस कारण श्रद्धालुओं को वहां पैदल यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन सड़क से वंचित रहने के बावजूद भी लोगों की आस्था का आप अंदाजा लगा सकते हैं लोग जगह जगह से कथा श्रवण करने पहुंचे इस बीच देवेन्द्र सिंह नेगी, प्रदेश सह संयोजक उत्तराखण्ड, प्रकोष्ठ भाजपा, हरियाणा, राजेंद्र सिंह नेगी,…..

अध्यक्ष मुखानी मण्डल, पार्षद वार्ड 56 हल्द्वानी, एवम् पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धना धौनी, एवम् वर्तमान ग्राम प्रधान ग्रामसभा आरा खेत पुष्कर सिंह रजवार, तथा ग्राम सभा आराखेत के समस्त सेवक जन तथा अन्य गांव संग्रौल, कुंज, बिनौला, पुभाऊं, खड़िया, झालाडुंगरा से लोग पहुंचे। सात दिनों तक इस कथा में पूरा वातावरण भक्तिमय रहा। प्रवचन के बाद कमेटी के द्वारा उपस्थित भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।

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