ब्रेकिंग बागेश्वर: विकास भवन में संगठन से समृद्धि स्वनिर्भरता की ओर साथ-साथ, थामे हर ग्रामीण महिला का हाथ, कार्यक्रम का शुभारंभ विशेष कार्याधिकारी, कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग उत्तराखंड शासन शैलेश कुमार पंत व मुख्य विकास अधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर किया!

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बागेश्वर 18 अप्रैल, विशेष संवाददाता

विकास भवन में संगठन से समृद्धि स्वनिर्भरता की ओर साथ-साथ, थामे हर ग्रामीण महिला का हाथ, कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलवार को विशेष कार्याधिकारी, कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग उत्तराखंड शासन शैलेश कुमार पंत व मुख्य विकास अधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर किया। 

 मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि दीन दयाल अन्त्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत जनपद में कुल 1903 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। 12157 परिवारों को स्वंय सहायता समूहों से जोड़ा गया है। जनपद में कुल 225 ग्राम संगठन एवं 10 कलस्टर लेवल फेडरेशन का गठन किया गया है। गत वित्तीय वर्ष में 978 के लक्ष्य के सापेक्ष कुल 979 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया, तथा 97 के सापेक्ष 99 ग्राम संगठनों का गठन किया गया है व 03 सीएलएफ का गठन किया गया जो लक्ष्य था। जनपद में 1200 सीåसीåएलå आवेदन प्राप्त हुये जिसके सापेक्ष 800 सीसीएल स्वीकृत व वितरण किया गया। रिवाल्विंग फण्ड के 285 लक्ष्य के सापेक्ष 285 की पूर्ति की गर्इ जबकि कम्यूनिटी इनवेस्टमेंट फण्ड के 189 के लक्ष्य के सापेक्ष 435 की पूर्ति की गर्इ। उन्होंने कहा कि जनपद में स्वय सहायता समूह की महिलाओं द्वारा सिलार्इ बुनार्इ, मसाला उत्पादन एलर्इडी बल्ब, मडुवे के बिस्कुट, दन कालीन, ताम्र उत्पाद, कीवी उत्पादन, होम स्टे एवं कृषि-बागनवानी एवं पशुपालन गतिविधियों के माध्यम से आजीविका संवर्धन किया जा रहा है। जनपद में एसएचजी समूहों को दुग्ध डेयरी, रिंगाल से बने उत्पाद आदि के जरिए सशक्तिकरण करने हेतु योजना तैयार की जा रही है। मुख्य  विकास अधिकारी ने बताया कि एसएचजी द्वारा तैयार उत्पादों की बिकी एवं विपणन के लिए सरस मार्केट बागेश्वर में सरस गैलरी उत्सव का आयोजन किया गया, जिसके बेहद सकारात्मक परिणाम रहे। वर्तमान में जनपद की एसएचजी विभिन्न प्रदेशों में आयोजित होने वाले सरस मेलों एवं प्रशिक्षणों में प्रतिभाग कर आजीविका के साथ-साथ अपने हुनर, आत्मविश्वास को भी बड़ा रही है।

जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या ने बताया कि कार्यक्रम के तहत गांवों में छूटे पात्र परिवारों को समूहों जोडने के लिए प्रेरित किया जायेगा। पीएमएवार्इ-जी लाभाथ्र्ाी परिवारों की सभी पात्र महिलाओं को एसएचजी में लाया जायेगा। इन एक्टिव स्वंय सहायता समूहों को एक्टिव किया जायेगा। सभी छूटे हुए स्वंय सहायता समूहों के बचत खाते खोले जायेंगे तथा प्रत्येक ग्राम संगठन एवं कलस्टर संगठन की आम सभा की बैठक कर महिलाओं, दिव्यांग व बुर्जुर्गो की पहचान कर समूहों से जोडा जायेगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम 18 अप्रैल से 30 जून तक आयोजित होगा।

कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी हरगिरि, भूमि संरक्षण अधिकारी गीतांजली बंगारी, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह समेत स्वंय सहायता समूहों की महिलायें मौजूद थी।

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