उत्तराखंड (अशोक गुलाटी एडिटर इन चीफ) फर्जी व्यक्ति के नाम पर देहरादून के राजपुर क्षेत्र में जमीन पर कब्जा करने और पेड़ों के अवैध कटान करने के मामले में राजपुर थाना पुलिस ने तत्कालीन डीजीपी बीएस सिद्धू और तत्कालीन अपर तहसीलदार शूजाउद्दीन ; दो अधिवक्ता सहित आठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पूर्व डीजीपी की कभी भी हो सकती गिरफ्तारी ?….
विवरण के मुताबिक उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद कभी भी उनकी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। वन विभाग की भूमि को 29 साल पहले मर चुके व्यक्ति के फर्जी पेपर तैयार कर अपने नाम रजिस्ट्री कराने के मामले में राज्य के पूर्व डीजीपी के खिलाफ देहरादून के राजपुर थाने में दर्ज हुए मुकदमें में तत्कालीन तहसीलदार और मेरठ के दो वकीलों सहित कुल आठ लोग नामजद किए गए हैं। गंभीर किस्म की नौ धाराओं में मुख्य आरोपी बनाए गए सिद्धू के सिर पर कभी भी गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। उत्तराखंड पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ जो मुकदमा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 166, 167, 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत दर्ज किया गया है, उसमें उन पर मसूरी में सरकारी जमीन पर कब्जे और पेड़ कटान के गंभीर आरोप लगे हैं।शिकायतकर्ता आशुतोष सिंह प्रभागीय वन अधिकारी मसूरी वन प्रभाग ने तहरीर दी है कि तत्कालीन डीजीपी बीएस सिद्धू ने महानिदेशक पुरानी पद पर रहते हुए मसूरी रोड स्थित जमीन के (जिसे भारतीय वन अधिनियम के तहत आरक्षित वन घोषित किया गया था) मेरठ के दो अधिवक्ता दीपक शर्मा व स्मिता दीक्षित के कहने पर फर्जी दस्तावेज बनाए। बरहाल बरहाल अपने पद में रहते हुए जमकर महत्वपूर्ण पद का दुरुपयोग किया जिसके कारण उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है।जांच के बाद पुलिस ने तत्कालीन डीजीपी बीएस सिद्धू, तत्कालीन अपर तहसीलदार शूजाउद्दीन, महेंद्र सिंह, नकली नथुराम, दीपक शर्मा, स्मिता दीक्षित, सुभाष शर्मा और कृष्ण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।