पिथौरागढ़: “प्यारी बकरी” को बचाने के लिए नरभक्षी तेंदुए को मौत के घाट उतार दिया नरेश ने!! चौंकिए नहीं @

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पिथौरागढ़ विशेष संवाददाता पर्वतीय क्षेत्रों में नरभक्षी गुलदार ओ का आतंक कई वर्षों से व्याप्त है अब तक नरभक्षी ने सैकड़ों नागरिकों को अपना निवाला बना चुका है परंतु एक युवा अपनी बकरी बचाने के लिए जान पर खेल जाएगा और नरभक्षी तेंदुआ को मौत के घाट उतार देगा यह फिल्मों में तो कई बार देखा होगा परंतु एक युवक ने मंगलवार को यह कार्य हकीकत में करके दिखा दिया अपनी प्यारी बकरी को बचाने के लिए खूंखार तेंदुआ से भिड़ गया और आखिर संघर्ष में युवक की जीत हो गई और तेंदुए को मौत के घाट उतार दिया घटना से सनसनी पैदा हो गई गौरतलब है कि पहाड़ो में गुलदार की धमक लंबे समय से है। कभी कभी गुलदार इंसान को अपना निवाला भी बना लेता है। अधिकांश मामलों में गुलदार जानवरों को अपना शिकार बनाता है। लेकिन ऐसे कम मामले है जब शिकार के दौरान खुद गुलदार की मौत हो जाय। मामला पिथौरागढ़ जिले के नैनी सैनी क्षेत्र का है। जहाँ एक ग्रामीण ने गुलदार को मार दिया। विवरण के मुताबिक….

विवरण के मुताबिक नैनी सैनी निवासी नरेश सिंह सौन घर से लगभग 20 मीटर दूरी पर बकरियों को चरा रहा था। तभी एक गुलदार ने एक बकरी पर झपट्टा मारा। नरेश सिंह बकरी को बचाने गया तो गुलदार ने उस पर ही हमला कर दिया। लेकिन नरेंद्र सिंह गुलदार के साथ भिड़ गया। दोनों में गुत्थमगुत्था हुई। इस दौरान नरेश सिंह के हाथ में दराती थी और उसने दराती से गुलदार पर प्रहार किया। दराती के वार से गुलदार की मौत हो गई। इस दौरान वह भी घायल हो गया।….

नरेश ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन रेंजर डीसी जोशी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पूछताछ में ग्रामीणों ने बताया अगर नरेश तेंदुए पर हमला नहीं करते तो वह उन्हें मार डालता। टीम ने तेंदुए का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद शव नष्ट कर दिया। वन विभाग ने नरेश के ऊपर कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की उनका कहना था कि आत्मरक्षा के लिए किया गया हत्या अपराध नहीं हैl इस बहादुरी के लिए नरेश की चौतरफा प्रशंसा की जा रही हैl

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