देहरादून। राजधानी से धमाकेदार खबर आ रही है कि नादेही चीनी में अरबों की गड़बड़ी में पदानवत किए गए एक अफसर को मलाईदार पोस्टिंग के लिए सियासी दबाव बनाना मंहगा पड़ गया। गन्ना विभाग ने इस चर्चित अफसर को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच शुरू करवा दी। बताया जा रहा है कि इस अफसर ने मलाईदार पोस्टिंग के लिए गन्ना मंत्री का सहारा लिया था।गन्ना सचिव और शुगर्स के प्रशासक चंद्रेश यादव ने नादेही चीनी मिल के जीएम महाप्रबंधक आरके सेठ को तत्काल प्रभाव ने निलंबित कर दिया है। इस अफसर पर नादेही चीनी मिल में बतौर जीएम रहते हुए अरबों की गड़बड़ी के आरोप हैं। सेठ के खिलाफ शिकायतों की जांच का स्पेशल ऑडिट कराया गया था। उसमें भी तमाम आरोप पुष्ट हुए हैं। शुगर फेडरेशन ने इस अफसर को पदानवत करके बाजपुर चीनी मिल भेजा था। लेकिन वहां के जीएम ने इन्हें ज्वाइन नहीं कराया। इन्हें फिर नादेही भेजा गया तो वहां के जीएम ने जांच प्रभावित होने की आशंका जताई थी।इस बीच आरके सेठ ने गन्ना मंत्री यतीश्वरानंद तक पहुंच बना ली। सूत्रों का कहना है कि विभागीय मंत्री ने इस अफसर को फेडरेशन मुख्यालय देहरादून में महाप्रबंधक बनाने की बात की। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में मंत्री के आदेश पर पत्रावली भी तैयार हो गई। बताया जा रहा है कि मंत्री जी जिस पद पर सेठ की तैनाती चाहते हैं, उस पद की शासन से मंजूरी भी नहीं है। इसके बाद सेठ को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने मनचाही पोस्टिंग के लिए सियासी दबाव का इस्तेमाल किया। इस मामले की जांच भी पुराने मामलों की जांच के साथ ही चलेगी। इस मामले में प्रयास के बाद भी गन्ना मंत्री का पक्ष नहीं लिया जा सकता। अगर उनका पक्ष आता है तो उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।गौरतलब है कि उत्तराखंड में यह पहला मामला है, जिसमें किसी अफसर को पोस्टिंग के लिए सियासी दबाव बनाने के आऱोप में निलंबित किया गया है। कुछ रोज पहले सरकार ने एक आदेश जारी करके आईएएस अफसरों को भी नसीहत दी थी कि पोस्टिंग के लिए सियासी दबाव का इस्तेमाल न करे। इस आदेश के बाद भी नई पोस्टिंग का चार्ज न लेने वाले अफसरों ने भी चार्ज लिया था