हरिद्वार धर्म नगरी में चल रहा हूं मैं अखाड़ा परिषद के सचिव मनीष भारतीय भी करो ना पॉजिटिव हो गए हैं इसके अलावा हरिद्वार में हो रहे महाकुंभ मेले में हिस्सा लेने आए 30 साधु कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं| इनमें ऑल इंडिया अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी भी शामिल हैं, जिन्हें इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है| वहीं, मध्य प्रदेश के महा निर्वाणी अखाड़ा से जुडे स्वामी कपिल देव की देहरादून के एक प्राइवेट अस्पताल में कोरोना वायरस के इलाज के दौरान मौत हो गई| उन्हें ऋषिकेश से देहरादून रैफर किया गया था| निरंजनी अखाड़ा ने कुंभ से शनिवार को हटने के फैसला किया है| महाकुंभ अभी दो सप्ताह और चलने वाला है| हरिद्वार के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. एसके झा ने बताया, ‘अभी तक 30 साधु कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं| ये मामले किसी एक विशेष अखाड़ा से सामने नहीं आ रहे हैं| निरंजनी, जूना और अन्य सभी अखाड़ों से ये मामले सामने आ रहे हैं|’ न्यूज एजेंसी ने निरंजनी अखाड़ा के सचिव रविंद्र पुरी के हवाले से लिखा है, ‘COVID-19 के कारण बिगड़ती स्थिति को देखते हुए, कुंभ मेला हमारे लिए संपन्न हो चुका है| मुख्य ‘शाही स्नान’ हमारे लिए हो चुका है और हमारे अखाड़े के कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं| गुरुवार की रिपोर्ट में कुंभ मेले के पहले पांच दिन 10 से 15 अप्रैल के बीच कुंभ इलाके से 2167 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की गई थी| जब पूरे देश में कोरोना की नई लहर कहर बरपा रही है, तभी हरिद्वार में महाकुंभ के आयोजन से राज्य और केंद्र सरकार पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं, क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों और विपक्षी नेताओं चेतावनी देते रहे हैं कि कुंभ एक ‘सुपर स्प्रेडर’ बन सकता है| गंगा किनारे हजारों की संख्या में बिना मास्क के कंधे से कंधे मिलाए दिख रहे श्रद्धालु यह चिंता बढ़ा रहे हैं कि इससे वहां और जब ये घरों को लौटेंगे तो पूर देश में कोरोनावायरस फैल सकता है| हालांकि, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ मेले के आयोजन पर सफाई दी है कि कोरोना के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है| इधर चूस रही हो 17 अप्रैल को कुंभ समाप्ति की घोषणा से 6 आईपीएस तथा 2241 पुलिसकर्मी वापस अपने मूल स्थान पर लौटना शुरू हो गए हैं हालांकि की सरकारी तौर पर मेला समाप्ति की घोषणा नहीं हुई है महामारी को देखते हुए साधु संतों ने मेला समाप्ति की घोषणा की है