उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला की अध्यक्षता में आयोजित जन सुनवाई हुई

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नैनीताल 06 अप्रैल( नैनीताल कार्यालय) उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार मंगलवार को शैले हाॅल नैनीताल क्लब में यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल, एसएलडीसी द्वारा दायर एआरआर एवं टैरिफ याचिकाओं पर विस्तार से जनसुनवाई की।
उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री डीपी गैरोला की अध्यक्षता में आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम में उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के समक्ष उत्तराखण्ड पाॅवर कारपोरेशन लि0, यूजेवीएनएल तथा उत्तराखण्ड पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लि0 तथा एसएलडीसी द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए सहीकरण, वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक समीक्षा एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए दायर एआरआर एवं टैरिफ याचिकाओं पर उपभोगताओं व अन्य सम्बन्धित संस्थाओं, व्यक्तियों से सुझाव तथा उनके मत जाने। जन सुनवाई कार्यक्रम में 15 व्यक्तियों द्वारा आयोग के समक्ष अपने-अपने सुझाव एवं मत रखे गये। अधिकांश उद्यमियों एवं व्यक्तियों ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत विद्युत दरें न बढ़ाने, डिफाॅल्टर कन्ज्यूमर हेतु प्रीपेड मीटर लगवाने, टाइम से बिल जनरेट होने एवं बिलिंग सिस्टम को डिजिटाईज़ किये जाने, कन्टीनीयस चार्ज को कम एवं नगण्य करने की मांग करते हुए अपने-अपने मत एवं तर्क आयोग के समक्ष रखे।
आयोग द्वारा सभी के मत एवं सुझावों को ध्यान से सुना गया। आयोग द्वारा अगली सुनवाई 10 अप्रैल को सुनवाई कक्ष उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग भवन देहरादून में प्रातः 10ः30 बजे से अपरान्ह एक बजे तक उद्योग, अघरेलू श्रेणी उपभोक्ताओं की तथा अपरान्ह 03 बजे से सांय 05 बजे तक अन्य शेष सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं की सुनवाई की जायेगी। आयोग द्वारा सभी पक्षों को सुनने एवं जानने के पश्चात जनहित में बेहतर निर्णय लिया जायेगा।
गौरतलब है कि यूपीसीएल ने गत वर्ष की ट्रू-अप से सम्बन्धित एक तिहाई राजस्व की कमी (323.78 करोड़) की वसूली प्रस्तावित करते हुए वर्ष 2021-22 की एआरआर तथा विद्युत दरों में वृद्धि अनुमानित की है, इस प्रकार यूपीसीएल ने वर्तमान में उपभोक्ताओं पर लागू विद्युत दरों में 4.56 प्रतिशत औषत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। पिटकुल, एसएलडीसी, एवं यूजेवीएनएल ने भी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अपनी एआरआर एवं टैरिफ पिटीशन आयोग के समक्ष प्रस्तुत की है, यदि आयोग द्वारा इनके दावे स्वीकार किये जाते हैं तो उपभोक्ता टैरिफ में 7.34 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त यदि रेग्यूलेटरी एसेट्स अनुमोदित नहीं की जाती है तो उपभोक्ता टैरिफ में 16.20 प्रतिशत की वृद्धि होगी।जन सुनवाई में आयोग के सदस्य तकनीकि मनोज कुमार जैन, सचिव नीरज सती, वित्त निदेशक दीपक पाण्डे, निदेशक रजनीश माथुर, उप निदेशक दीपक कुमार सहित उद्यमि, होटल व्यवसायी, अन्य अधिकारी, नागरिक उपस्थित थे।

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