टनकपुर: राफ्टिंग के दस सुनहरे साल, रोमांच, विकास और गर्व की दास्तान! राजीव गुप्ता की रिपोर्ट exclusive

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टनकपुर:|
आज से ठीक दस वर्ष पूर्व, 23 अक्टूबर 2015 को शारदा नदी ने एक नया इतिहास रचा था। पहली बार यहाँ राफ्टिंग की शुरुआत हुई थी — और आज, एक दशक बाद, यह पहल टनकपुर की पहचान और गर्व बन चुकी है।

इन दस वर्षों की यात्रा केवल राफ्टिंग तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह टनकपुर के पर्यटन, रोजगार और स्थानीय पहचान की नई कहानी कह रही है। यह सब संभव हुआ है उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और अथक प्रयासों से, जिनके मार्गदर्शन में राफ्टिंग को राष्ट्रीय खेलों से जोड़ा गया। इससे न सिर्फ राज्य के रोमांचक पर्यटन को नई दिशा मिली, बल्कि चंपावत जिले के टनकपुर को भी एक नया मुकाम हासिल हुआ।

आज टनकपुर में राफ्टिंग को ऋषिकेश की तर्ज पर बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में यहाँ पाँच से छह कंपनियाँ राफ्टिंग संचालन में लगी हैं, जो न केवल देशभर से पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का सशक्त माध्यम भी बनी हैं।

राफ्टिंग संचालक मोनी बाबा बताते हैं —

“देश के विभिन्न राज्यों से पर्यटक टनकपुर आ रहे हैं। यहाँ की शारदा नदी की लहरों पर राफ्टिंग करते हुए जो आनंद मिलता है, वह अविस्मरणीय है। पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह हम सबके लिए गर्व का विषय है।”

टनकपुर की राफ्टिंग ने साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति और दूर दृष्टि हो तो कोई भी क्षेत्र अपनी अलग पहचान बना सकता है। दस सालों में इस साहसिक खेल ने न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दी, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र पर टनकपुर का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा दिया।

आज टनकपुर की शारदा नदी की लहरें मानो यह कहती प्रतीत होती हैं —

“मैंने देखे हैं दस सुनहरे साल रोमांच और गौरव के।”|

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