

Tanakpur :समाजसेवी नेता दीप पाठक के आह्वान पर एक ऐतिहासिक आक्रोश रैली निकाली गई।
इस रैली का नेतृत्व ग्राम आमबाग की प्रधान श्रीमती ललिता खत्री और ग्राम मोहनपुर की प्रधान श्रीमती राधिका चंद ने किया।
नन्ही परी कशिश और उसके परिवार को न्याय दिलाने की माँग को लेकर, सैकड़ों महिलाएँ, युवा और समाजसेवी गाँव आमबाग से निकलकर मुख्य बाजार होते हुए तहसील परिसर पहुँचे।
इस दौरान गुस्से और दुःख से भरे जनसमूह ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की।
महिलाओं का कहना था—
“एक तरफ सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, और दूसरी तरफ न्यायपालिका ऐसे दरिंदों को बरी कर देती है… जबकि निचली अदालत और उच्च न्यायालय ने पहले ही दोष सिद्ध कर दिया था।”
रैली में मौजूद मातृशक्ति ने सरकार से माँग की कि—
दोषियों को फाँसी की सज़ा दी जाए
मामले में पुनर्विचार याचिका दायर कर ठोस पैरवी की जाए, जिन अधिकारियों-कर्मचारियों ने लापरवाही बरती है, उन पर भी सख्त कार्रवाई हो
भीड़ की आवाज़ गूंज रही थी—
“कशिश को न्याय दो… कातिलों को फाँसी दो…”
इस न्याय यात्रा में समाजसेवी, युवा और वरिष्ठ बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
इनमें पुष्कर चंद, दिनेश चंद दीनू दा, हरीश राजा, उर्मिला चंद, मनोज तिवारी, अरुण, मुनीश, भुवन कालोनी, कंचन ग्रामप्रधान नायक गोठ, आकाश चंद, योगेश चंद, ऋतिक, राहुल चंद, विनोद, अमित चंद, हरीश, भावना, रेखा, सावित्री, तनुज पंचोली, निर्मला जोशी BDC मेंबर, बबिता, ऊषा, सुनील बाल्मीकि, अखिल चंद समेत सैकड़ों संवेदनशील लोग शामिल रहे।
आज की यह रैली सिर्फ एक परिवार की लड़ाई नहीं थी… बल्कि यह हर बेटी की आवाज़ थी।
जनता का स्पष्ट संदेश है—
“जब तक कशिश को न्याय नहीं मिलेगा, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”

































































