सुबह धाम में पहले भगवान आशुतोष के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप दिया गया, इसके बाद सुबह 8:30 बजे विधि-विधान से कपाट बंद किए गए”….
केदारनाथ: हर- हर महादेव के जयकारे के बीच कपाट बंद हुए !✍️ Ashok Gulati editor in chief/पंच केदार में प्रमुख भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक केदारनाथ धाम के कपाट आज भाई दूज के पावन पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। मंदिर के कपाट सुबह 8.30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। आज प्रात
धाम में 18644 श्रद्धालु इस पावन पल के साक्षी बने। कपाट बंद होने पर सेना की बैंड धुनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे। हर किसी की जुबां से हर हर महादेव की हर हर गूंज सुनाई दी।तड़के 4 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। तड़के से ही धाम में बाबा के भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। भगवान आशुतोष के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप दिया गया। इसके उपरांत विधि-विधान से कपाट बंद किए गए।कपाट बंद होने के बाद सेना की बैंड धुनों के साथ बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने धाम से शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान कर दिया है। बाबा केदार की डोली पहले रात्रि प्रवास पर रामपुर पहुंचेगी।सोमवार को डोली रामपुर से रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी और मंगलवार को गुप्तकाशी से पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। जहां पर सभी धार्मिक मान्यताओं के निर्वहन के साथ बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली को छह माह की पूजा के लिए मंदिर में विराजमान किया जाएगा। समरणीय है कि इस यात्रा काल में 1652076 श्रद्धालु धाम पहुंचे। जबकि 2023 में 19 लाख, 2022 में 15 लाख 63 हजार और 2019 में 10 लाख तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए थे।